CM शिंदे ने की कोटा कार्यकर्ता पाटिल से मुलाकात, मराठा आरक्षण पर हुई बात
HIGHLIGHTS:
- महाराष्ट्र की राजनीतिक गतिविधि में आया उतार-चढ़ाव
- CM शिंदे ने की कोटा कार्यकर्ता जारंगे पाटिल से मुलाकात
- मराठा कार्यकर्ता हुए अपना विरोध वापस लेने के लिए तैयार
महाराष्ट्र में इस वक़्त राजनीतिक गतिविधि बदली हुई है। जहां कभी नेतागण एक दूसरे पर तंज कस्ते हुए नज़र आते हैं तो वहीँ अब दूसरी ओर महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण भी चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसको लेकर 2 नवम्बर को भी सर्वदलीय बैठक हुई थी जहां राज्य सर्कार ने कहा था की हम राज्य को स्थाई आरक्षण दिलाएंगे। लेकिन इस बीच एक और खबर सामने आ रही है जहां महाराष्ट्र के मुख़्यमंडी एकनाथ शिंदे ने कोटा कार्यकर्ता मनोज जारागे पाटिल से अपने अनशन को समाप्त करने के बाद ही मुलाक़ात की। जहां उन्हें ये आश्वासन दिया गया कि मराठा आरक्षण के लिए एक व्यवहार्य समाधान पर काम किया जा रहा है।
मराठा कार्यकर्ता हुए अपना विरोध वापस लेने के लिए तैयार !
मराठा कार्यकर्ता अपना विरोध वापस लेने पर सहमत हो गए और राज्य को मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के अपने वादे को पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया।जारांगे पाटिल के साथ बैठक के बाद, सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, "स्थिति को हल करने के लिए एक न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) के लिए उपवास विरोध स्थल पर जाना इतिहास में पहली घटना हो सकती है, मनोज जारांगे पाटिल ने जनवरी तक दो महीने की समय सीमा दी है 2. सरकार न्यायिक रूप से टिकाऊ और कानूनी रूप से व्यवहार्य समाधान प्रदान करने के लिए गंभीरता से कदम उठाएगी जो मराठा समुदाय के लिए अदालतों की जांच में खरा उतर सके।
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