कार्यालय के लिए जमीन मांग रही AAP की याचिका पर दिल्ली HC ने आदेश रखा सुरक्षित
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की उस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें अस्थायी आधार पर पार्टी कार्यालय के लिए जगह आवंटित करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने 5 जून के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया और स्थायी आधार पर कार्यालय निर्माण के लिए भूमि आवंटन की याचिका 10 जून के लिए सूचीबद्ध कर दी। इससे पहले हाई कोर्ट ने अपने कार्यालय के लिए अस्थायी आधार पर जमीन आवंटित करने की मांग वाली आम आदमी पार्टी की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा था।
- HC ने AAP की जमीन वाली याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया
- इसमें अस्थायी आधार पर कार्यालय के लिए जगह आवंटित करने की मांग की गई थी
- न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने 5 जून के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया
AAP मौजूदा कार्यालय 15 जून तक खाली करे- SC
सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, आप को DDU मार्ग स्थित अपना मौजूदा कार्यालय 15 जून तक खाली करना है। इस पर विचार करते हुए वरिष्ठ वकील ने प्रार्थना की कि DDU मार्ग पर एक जगह दी जानी चाहिए। उच्च न्यायालय आप द्वारा मध्य दिल्ली में अपने कार्यालय के लिए अस्थायी आवंटन या स्थायी आवंटन की मांग करने वाली दो याचिकाओं पर विचार कर रहा है। इससे पहले केंद्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के पास DDU मार्ग पर कोई जमीन खाली नहीं है। केंद्र सरकार के वकील ने यह भी कहा था कि 2024 में पार्टी को साकेत में एक जमीन आवंटित की गई थी और उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। 2023 से पहले जब यह राष्ट्रीय पार्टी बनी, तो पार्टी ने कभी भी मध्य दिल्ली में जमीन नहीं मांगी।
DDU मार्ग पर पर छिड़ा विवाद
जून 2023 में, उन्होंने (AAP) कहा कि डीडीयू मार्ग पर कुछ जमीन उपलब्ध है। केंद्र सरकार के वकील ने कहा, 2023 में हमने उन्हें स्थायी आवंटन के लिए जमीन की पेशकश की और निरीक्षण के बाद हमने पाया कि डीडीयू मार्ग पर कोई जमीन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा, 2024 में हम उन्हें साकेत में दो प्लॉट की पेशकश करते हैं। कोर्ट ने कहा था कि उनकी (AAP) दलीलों से आप (केंद्र) उनके साथ दूसरों के बराबर व्यवहार नहीं कर रहे हैं। आप उन्हें दूर स्थान पर फेंक रहे हैं।
वरिष्ठ वकील सुधीर नंद्राजोग ने सुझाव दिया था कि आप मंत्री के कब्जे वाले दो भूखंडों को पार्टी को उनके कार्यालय के लिए दिया जा सकता है। कोर्ट ने पूछा था, 'क्या वे इस प्लॉट का इस्तेमाल अपने ऑफिस के लिए कर सकते हैं?' कीर्तिमान सिंह ने कहा, उनका कब्जा है। पहले उन्हें इन्हें सौंपना होगा और वे इस पर विचार करेंगे।' उन्होंने बताया कि उनका कौशांबी में एक कार्यालय है। वरिष्ठ वकील नंद्राजोग ने कहा कि यह कोर्ट को गुमराह करने की पुरजोर कोशिश है। अदालत ने पूछा, "क्या राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की कोई प्रतीक्षा सूची है?" क्या राजनीतिक दलों के लिए घर निर्धारित हैं? वरिष्ठ वकील नंदराजोग ने सवाल किया, ''अगर हमें जमीन आवंटित की जाती है तो क्या हम 15 जून तक इमारत बना सकते हैं?'' कल सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्या दिल्ली के मंत्री के कब्जे वाले भूखंड याचिकाओं के नतीजे के आधार पर अस्थायी आधार पर पार्टी को उनके कार्यालय के लिए दिए जा सकते हैं।
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