दिल्ली-मेरठ के बाद इन रूटों पर शुरू होगी RRTS Rapidx ट्रेनें, आने वाले समय में बढ़ेगा दायरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के पहले चरण में साहिबाबाद और दुहाई के बीच रैपिड रेल का उद्घाटन किया। आने वाले समय में ये ट्रेन दिल्ली-मेरठ के लोगों को अपनी सेवा लगातार देने को तैयार है। जून 2025 तक 82 किलोमीटर का प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद है। जिसके बाद दिल्ली से मेरठ की यात्रा में बहुत कम समय लगेगा। एनसीआरटीसी का दावा है कि यह भारत की पहली ट्रेन प्रणाली होगी जहां ट्रेनें 160 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती हैं।
30 ट्रेनों का होगा संचालन
आरआरटीएस प्रोजेक्ट में कहा गया है कि पूरे कॉरिडोर में 24 स्टेशन बनाए जाएंगे। अनुमान के मुताबिक, 2025 तक पूरा हो जाने के बाद इस रूट से हर दिन 8 लाख यात्री सफर कर सकेंगे। पूरे दिल्ली से मेरठ रूट के निर्माण के बाद 30 रैपिड ट्रेनें संचालन के लिए तैयार हैं। गाजियाबाद के दुहाई यार्ड में रैपिड रेल कॉरिडोर का ऑपरेशन और कमांड कंट्रोल सेंटर बनकर तैयार हो गया है।
बनाए जाएंगे आठ कॉरिडोर
आरआरटीएस परियोजना के तहत सरकार ने ऐसी आठ लाइनों की पहचान की है। शुरुआती चरण में एनसीआरटीसी की योजना में तीन कॉरिडोर बनाने की है। ये दिल्ली-पानीपत, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ हैं। इसके अलावा, अन्य गलियारे भी हैं जो दिल्ली को गाजियाबाद-खुर्जा से जोड़ेगें और दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक, दिल्ली-हापुड़ और दिल्ली-शाहदरा-बड़ौत भी शामिल हैं।
एनसीआर का होगा विस्तार
अनुमान है कि इन कॉरिडोर के खुलने से एनसीआर तक पहुंच का विस्तार होगा। 2018 में एनसीआर के क्षेत्र का विस्तार किया गया था। इसमें हरियाणा के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी-दादरी, करनाल और जींद जिले शामिल थे। एनसीआर में राजस्थान के भरतपुर, उत्तर प्रदेश के शामली और मुजफ्फरनगर जिले भी शामिल किया गया था। रैपिड रेल के संचालन से राजधानी दिल्ली से मेरठ तक पहुंच अब आसान हो जाएगी। ऐसे में एनसीआर की पहुंच और भी बढ़ जाएगी। बता दे कि अभी दिल्ली-एनसीआर का अभी दायरा 150-175 किमी है।