ईडी की टीम ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर पर चलाया तलाशी अभियान
संदीप घोष : प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने गुरुवार को कोलकाता के चिनार पार्क स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के आवास पर तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं के मामले में चल रही जांच के तहत की गई है। ईडी की टीम ने घोष के आवास पर पहुंचकर दस्तावेजों और अन्य साक्ष्यों की जांच की।
Highlight :
- पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के आवास पर चलाया तलाशी अभियान
- यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं के मामले में चल रही जांच के तहत की गई
- ईडी की टीम ने घोष के आवास पर पहुंचकर दस्तावेजों और अन्य साक्ष्यों की जांच की
2 सितंबर को संदीप घोष को CBI ने किया था गिरफ्तार
इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 2 सितंबर को संदीप घोष को गिरफ्तार किया था। 10 सितंबर को सीबीआई की अदालत ने घोष और तीन अन्य आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। इस गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत का कारण आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच है।
घोष के खिलाफ एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की भी जांच की जा रही है
कोलकाता उच्च न्यायालय ने 24 अगस्त को संदीप घोष के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद सीबीआई ने भ्रष्टाचार मामले की जांच शुरू की। इसके अतिरिक्त, घोष के खिलाफ एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच भी की जा रही है, जो 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी।
26 अगस्त को घोष की सदस्यता को आईएमए ने किया निलंबित
सीबीआई द्वारा घोष पर किए गए पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद, 26 अगस्त को घोष की सदस्यता को भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने निलंबित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई जांच के आदेश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ घोष की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि घोष के पास वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा किए गए प्रतिकूल टिप्पणियों पर जताई आपत्ति
संदीप घोष के वकील ने अदालत से कहा कि वे सीबीआई द्वारा जांच के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा किए गए प्रतिकूल टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है। वकील ने यह भी कहा कि घोष को आरजी कर बलात्कार मामले से जोड़ना अन्याय है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह जांच का विषय है और सीबीआई को जांच की स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
इस बीच, सीबीआई को 17 सितंबर तक जांच पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इस मामले में निरंतर चल रही कानूनी कार्यवाही और जांच से जुड़े विवरण आने वाले दिनों में सामने आ सकते हैं।
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