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Education News: तेलंगाना में लड़कियों की शिक्षा और स्वास्थ्य बेहद खराब- CRY Report

02:45 PM Jan 20, 2024 IST
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Education News: 24 जनवरी को बालिका दिवस है और तेलंगाना (Telangana) में शिक्षा और स्वास्थ्य लड़कियों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। बालअधिकारों के क्षेत्र में काम करने वाले गैर-लाभकारी संगठन चाइल्ड राइट्स एंड यू (CRY) द्वारा हाल ही में जारी की गई रेपोर्ट के अनुसार तेलंगाना में बच्चों के लिए शिक्षा एक सपने की तरह हो गया है।

Highlights

जानिए क्या कहते है आंकड़े

2021-22 के यूडीआईएसई प्लस (UDISE Plus) आंकड़ों के अनुसार तेलंगाना (Telangana) में प्राथमिक स्तर (कक्षा I-IV) पर बालिका नामांकन दर 94% से अधिक है, जो लड़कों की तुलना में लगभग दो अंक अधिक है। उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा V-VIII) पर लड़कियों के लिए नामांकन की दर गिरकर 78.9% हो गई, जो लड़कों से दो अंक कम है। कुल मिलाकर प्रारंभिक स्तर पर लड़कियों और लड़कों की दर लगभग कम या ज्यादा या बराबर रही है। वही बात जब माध्यमिक स्तर (कक्षा IX और X) की बात आती है, तो लड़कियों के लिए नामांकन दर लगभग 60% तक गिर गई, जो कि लड़कों की तुलना में मामूली ही कम है। उच्च माध्यमिक स्तर (कक्षा XI और XII) में, लड़कियों के लिए नामांकन दर गिरकर 42.17% हो गई, हालाँकि यह अभी भी लड़कों की तुलना में (39.88%) अधिक है ।

क्या है 'वॉक टू एम्पावर' पदयात्रा

बालिकाओं के इन मुद्दों को उजागर करने के लिए सीआरवाई 21 जनवरी को पीवीएनआर मार्ग पर 'वॉक टू एम्पावर' शीर्षक से एक पदयात्रा का आयोजन कर रहा है। सीआरवाई के प्रबंधक बी.चेन्नैया ने बताया कि वॉक का आयोजन विशाखापत्तनम, चेन्नई और बेंगलुरु में एक साथ किया जा रहा है। संख्याएँ बताती हैं कि माध्यमिक स्तर पर 40% से अधिक लड़कियाँ और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 55% से अधिक लड़कियाँ स्कूलों से बाहर हैं, भले ही प्राथमिक स्तर पर लड़कियों का नामांकन बेहतर है।

स्वास्थ्य भी है बड़ी वजह

इस बीच आंकड़े बताते हैं कि स्कूली शिक्षा के उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर लड़कों के बीच स्कूल छोड़ने की दर अधिक है। उच्च प्राथमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर लड़कों के लिए 3.4% और लड़कियों के लिए 2.9% है, जबकि माध्यमिक स्तर पर यह लड़कों के लिए 14.5 और लड़कियों के लिए 13.7 है। बालिकाओं का स्वास्थ्य भी चिंता का प्रमुख विषय बना हुआ है। वही 2019-21 के एनएफएचएस-5 डेटा के अनुसार 15-19 आयु वर्ग की महिलाओं में 65% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थीं, जबकि पुरुषों के लिए यह केवल 18.7% है। दूसरी ओर ग्रामीण महिलाएं इस मामले में अपने शहरी समकक्षों से भी बदतर प्रदर्शन करती हैं।

 

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