निर्वाचन आयोग ने पार्टी चिह्न से जुड़े नियमों में संशोधन किया
लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से पहले, निर्वाचन आयोग ने पार्टी चिह्नों के आवंटन से संबंधित एक प्रमुख नियम में संशोधन किया है ताकि इसे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में लागू किया जा सके।
निर्वाचन आयोग द्वारा सोमवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 संशोधित समझा जाए और यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा जब तक जम्मू कश्मीर एक ‘राज्य’ था, इसका जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 का अपना प्रारूप था और देश में अन्य स्थानों पर लागू होने वाला कानून वहां लागू नहीं होता था। बाद में, केंद्र ने 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। तब, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 जम्मू कश्मीर में लागू हुआ।
अब, लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले, निर्वाचन आयोग ने चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश में संशोधन किया है ताकि इसे केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया जा सके।
जम्मू व कश्मीर को राज्य में शामिल किया गया
पूर्व के आदेश में कहा गया था कि इसे पूरे भारत में विस्तारित किया गया है, और जम्मू कश्मीर राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के अलावा सभी संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों में चुनावों पर लागू होता है। संशोधित प्रारूप के अनुसार, यह पूरे भारत में और सभी संसदीय एवं विधानसभा क्षेत्रों पर लागू होता है। पूर्व के आदेश में कहा गया था कि ‘‘राज्य’’ में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी शामिल हैं। संशोधित आदेश में कहा गया है कि ‘‘राज्य’’ में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर शामिल हैं। आयोग चुनाव तैयारियों का जायजा लेने के लिए अभी जम्मू कश्मीर के दौरे पर है।