हर कीमत पर चंदा लेने के लिए चुनावी बॉण्ड योजना को आगे बढ़ाया गया: कांग्रेस
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि हर कीमत पर चंदा वसूलने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चाह के चलते चुनावी बॉण्ड योजना को आगे बढ़ाया गया जिसकी कीमत पूरे देश को चुकानी पड़ी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस मामले में हर गुजरते दिन के साथ भ्रष्टाचार और स्पष्ट होता जा रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘चुनावी बॉण्ड मामले में चार मुख्य तरीकों से भ्रष्टाचार हुआ है। हर गुज़रते दिन के साथ ऐसे उदाहरण सामने आ रहे हैं जिनसे भ्रष्टाचार की और अधिक स्पष्ट रूप से पुष्टि होती है।’’
रमेश ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रोत्साहन से हुए इस भ्रष्टाचार ने पूरे देश को अपने चपेट में ले लिया है।
Highlights
- चंदा लेने के लिए चुनावी बॉण्ड योजना को आगे बढ़ाया गया
- 33 कंपनियों ने भाजपा को 434.2 करोड़ का चंदा दिया
- 601 करोड़ रुपये का चंदा मिला
33 कंपनियों ने भाजपा को 434.2 करोड़ का चंदा दिया
उनका कहना था, ‘‘सात वर्षों (2016-17 से 2022-23) में कर अदायगी के बाद नकारात्मक या लगभग शून्य लाभ वाली 33 कंपनियों ने भाजपा को 434.2 करोड़ का चंदा दिया। इन 33 कंपनियों का कुल शुद्ध घाटा एक लाख करोड़ रुपये से अधिक था। इन 33 कंपनियों में से 16 ने कुल मिलाकर शून्य या नकारात्मक प्रत्यक्ष कर का भुगतान किया है। ऐसी आशंका है कि इन 33 कंपनियों में से अधिकतर धनशोधन के उद्देश्य से बनाई गई शेल (फर्जी) कंपनियां हैं।
601 करोड़ रुपये का चंदा मिला
रमेश ने दावा किया कि भाजपा को छह ऐसी कंपनियों द्वारा 601 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिनका 2016-17 से 2022-23 तक कुल मिलाकर सकारात्मक शुद्ध लाभ था, लेकिन उनका चुनावी बॉण्ड का चंदा उनके कुल शुद्ध लाभ से काफ़ी अधिक है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब मोदी सरकार द्वारा पहली बार चुनावी बॉण्ड योजना शुरू की गई थी, तब रिजर्व बैंक ने धनशोधन के लिए इसके इस्तेमाल होने की आशंका को लेकर चिंता जताई थी। लेकिन हर क़ीमत पर चंदा हासिल करने की भाजपा की चाह ने इस दूरदर्शी सलाह पर ध्यान दिए बिना इस स्कीम को आगे बढ़ाने के लिए मजबूर किया और पूरे देश को इसकी क़ीमत चुकानी पड़ी।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।