कंबोडिया में मगरमच्छों के दुर्लभ प्रजाति के 106 अंडे मिले
Saiyami Crocodile: कंबोडिया में एक वन्यजीव अभयारण्य में दुर्लभ प्रजाति के मगरमच्छ ‘सियामी’ ( Saiyami ) के 106 अंडे मिले हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीते 20 वर्ष में हुई यह सबसे बड़ी खोज है और इससे दुनियाभर के जंगलों में मगरमच्छ की सबसे दुर्लभ प्रजाति के अस्तित्व में होने की उम्मीदें जगी हैं।
उत्तर प्रदेश
Highlights:
- कंबोडिया में बायोलॉजिकल ज़ू में दुर्लभ प्रजाति के मगरमच्छ के 106 अंडे मिले
- दुर्लभ प्रजाति के मगरमच्छ का नाम सियामी बताया गया
- यह मगरमच्छ अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने गंभीर रूप संकटग्रस्त प्रजाति की सूची में है शामिल
कृषि एवं पर्यावरण मंत्रालय और संरक्षण समूह ‘फौना एंड फ्लोरा’ के द्वारा बताया गया है कि ये अंडे मई में केरामोम नेशनल पार्क में मिले थे और तकरीबन 27 से 30 जून के बीच कुल 60 अंडों में से बच्चे निकल आए।
मगरमच्छ के छोटे बच्चों को दी गयी सुरक्षा
कृषि एवं पर्यावरण मंत्रालय ने बयान में कहा गया है कि अंडे मिलने से यह संकेत मिलता है कि यह इलाका जंगली मगरमच्छों का एक प्रमुख ठिकाना है। बयान में कहा गया है कि इस क्षेत्र और शिशु मगरमच्छों को केरामोम राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव संरक्षण रेंजर की सुरक्षा मिली हुई है।
90 के दशक में हो चुकी थी विलुप्त
'सियामी' मगरमच्छ की यह प्रजाति कभी दक्षिण-पूर्व एशिया में काफी तादात में पाई जाती थी। लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने इसे गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजाति की सूची में रखा है। 1990 के दशक तक अवैध शिकार, ठिकानों के विनाश और अन्य प्रजातियों के मगरमच्छों की संख्या बढ़ने के कारण वे विलुप्त हो गए थे।
दुनिया भर में केवल 1000 सियामी मगरमच्छ बचे
कम्बोडिया के पर्यावरण मंत्री एआंग सोफालेथ ने कहा कि उनका मंत्रालय इन गंभीर रूप से लुप्तप्राय सियामी ( Saiyami ) मगरमच्छों के संरक्षण व ठिकानों के रीहैबिलेशन पर काम कर रहा है। सोफालेथ ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, सियामी मगरमच्छ पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और 60 अंडों से बच्चों का सफलतापूर्वक निकलना यह दर्शाता है कि केरोमोम नेशनल पार्क इस प्रजाति के लिए सुरक्षित व उपयुक्त ठिकाना है। ऐसा माना जाता है कि जंगलों में लगभग 1,000 सियामी मगरमच्छ ही बचे हैं, जिनमें से 300 से अधिक कम्बोडिया में हैं।
(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी पंजाब केसरी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है )
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।