2 दिन की नेपाल यात्रा पर जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर, संबंधों में विस्तार पर होगा ध्यान
विदेश मंत्री एस जयशंकर जलविद्युत, संपर्क, डिजिटल भुगतान और व्यापार समेत अनेक क्षेत्रों में सहयोग विस्तार के उद्देश्य से बृहस्पतिवार को दो दिन की नेपाल यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान दोनों पक्षों द्वारा उन तौर-तरीकों को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने की संभावना है जिससे नेपाल अगले 10 साल में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली का निर्यात करेगा। जून में दोनों देशों के नेताओं ने इस संबंध में निर्णय लिया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक में नेपाल के विदेश मंत्री एन पी सऊद के साथ सह-अध्यक्षता करेंगे। यह आयोग समग्र संबंधों की समीक्षा के लिए सर्वोच्च द्विपक्षीय मंच है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ''भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक की सह-अध्यक्षता के लिए नेपाल के विदेश मंत्री एन पी सऊद के निमंत्रण पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर चार से पांच जनवरी तक काठमांडू की यात्रा करेंगे।'' भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की स्थापना 1987 में की गई थी और यह दोनों देशों को द्विपक्षीय साझेदारी के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। विदेश मंत्री काठमांडू में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ से मुलाकात कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यात्रा के दौरान जयशंकर नेपाल के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे और प्रमुख राजनीतिक गणमान्य व्यक्तियों से मिलेंगे। मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत की 'पड़ोस प्रथम' नीति के तहत नेपाल उसका एक प्राथमिकता वाला भागीदार है। यह यात्रा दो करीबी और मित्रवत पड़ोसियों के बीच उच्च स्तरीय आपसी सहयोग की परंपरा को ध्यान में रखते हुए है।’’ नेपाल क्षेत्र में समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेता अक्सर ‘रोटी बेटी’ के संबंधों की बात करते रहे हैं। नेपाल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, सऊद भारतीय विदेश मंत्री और उनके शिष्टमंडल के सदस्यों के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन भी करेंगे।
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