ED के रडार पर हेमंत सोरेन, गिरफ्तारी वारंट के लिए कोर्ट जा सकती है जांच एजेंसी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ वारंट और कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रही है। सोरेन ED के छह समन को नजरअंदाज कर चुके हैं। उन्होंने समन की हर तारीख पर जवाबी पत्र भेजा, लेकिन वे एजेंसी के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए। एजेंसी अब उनके खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी कराने और उनकी गिरफ्तारी के विकल्पों पर विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर रही है।
ED ने 10 दिसंबर को जारी किया था आखिरी समन
जमीन घोटाले की जांच कर रही ED ने सोरेन को आखिरी समन बीते 10 दिसंबर को जारी किया था और उन्हें 12 दिसंबर को एजेंसी के रांची स्थित जोनल ऑफिस में दिन के 11 बजे उपस्थित होने को कहा था। सोरेन के ED के दफ्तर पहुंचने की संभावना को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। पूरे दिन ED दफ्तर के बाहर गहमागहमी रही, लेकिन सोरेन हाजिर नहीं हुए। वह दोपहर तीन बजे ED के दफ्तर के ठीक सामने से गुजरते हुए रांची एयरपोर्ट चले गए और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए दुमका के लिए रवाना हुए, जहां उन्हें “आपकी सरकार, आपके द्वार” अभियान के तहत पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम में उपस्थित होना था। सोरेन ने दुमका में जनसमूह को संबोधित करते हुए ED के समन का जिक्र किए बगैर कहा, “कुछ लोगों को संदेह था कि मैं आज यहां इस कार्यक्रम में रहूंगा या नहीं, लेकिन मैं आपके बीच हूं।”
सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
गौरतलब है कि ED की ओर से भेजे जा रहे समन को सीएम हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका सुने बगैर हाईकोर्ट जाने को कहा था। इसके बाद उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर ED के समन को निरस्त करने का आग्रह किया, लेकिन यहां चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने बीते 13 अक्टूबर को उनकी खारिज करते हुए समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ED की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अपनी दलील में कहा था कि सीएम सोरेन ने समन का पहले ही उल्लंघन किया है। वे ED के किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए। ऐसे में उनका समन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं है, इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है।
14 अगस्त को बुलाया गया था पहली बार
ED के सूत्रों के मुताबिक, अदालत से याचिका खारिज होने के बाद सोरेन के पास पूछताछ के लिए उपस्थित न होने के कानूनी विकल्प भी नहीं हैं। एजेंसी अब सोरेन के खिलाफ जांच में असहयोग का हवाला देते हुए उनकी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट जारी करवा सकती है। ED के मुख्यालय में भी इस बात पर विचार चल रहा है। जमीन घोटाले में चल रही जांच के सिलसिले में बयान दर्ज कराने के लिए सोरेन को पहली बार समन जारी कर 14 अगस्त को बुलाया गया था। इसके बाद उन्हें 24 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितंबर, 26 सितंबर, 4 अक्टूबर और छठी बार 12 दिसंबर को हाजिर होने का समन भेजा गया। सोरेन इनमें से किसी समन पर हाजिर नहीं हुए।
14 आरोपियों को किया जा चुका है गिरफ्तार
ED जिस जमीन घोटाले में सीएम से पूछताछ करना चाहती है, उस मामले में रांची के पूर्व डीसी आईएएस छवि रंजन सहित कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह घोटाला दक्षिणी छोटानागपुर के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की एक जांच रिपोर्ट से सामने आया था और इसी के आधार पर ED ने जांच शुरू की थी। मामला सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि फर्जी नाम-पता के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई है। इस सिलसिले में रांची नगर निगम ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। ED ने उसी प्राथमिकी के आधार पर ईसीआईआर दर्ज करके जांच शुरू की थी।
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