उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में हवन की भस्म से खेली गई होली
पूरे देश में होली की धूम जगह-जगह दिखाई दे रही है। हर कोई होली के रंगों में सराबोर नजर आ रहा है। वहीं, उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर है जहाँ भस्म से होली खेली जाती है, और इसके लिए दूर-दूर से लोग यहाँ आते हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में हवन कुंड या धूनी की भस्म से होली खेली जाती है। इसे खेलने के लिए लोग काफी उत्साह के साथ इसमें शामिल होते हैं।
Highlights
- उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में हवन की भस्म से खेली गई होली
- बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए
- होली और बसंत के गीत गाए गए
बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए
मंदिर में रविवार को भस्म से होली खेली गई। इसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। सभी ने बड़े हर्षोउल्लास के साथ भस्म की होली खेली और बम भोले के जयकारों के साथ एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी। बाबा काशी विश्वनाथ प्रांगण से भस्म की होली के साथ पूरे जिले में होली की शुरुआत हो गई। रविवार को सबसे पहले मंदिर के महंत मंदिर प्रांगण में पहुंचे। उसके बाद महंत अजय पुरी ने सबसे पहले स्वयंभू शिवलिंग पर भस्म लगा कर भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया। फिर सभी भक्तों पर भभूत यानी भस्म लगाकर होली खेली गई। भक्तों ने एक-दूसरे को भस्म लगाकर होली की बधाई दी।
होली और बसंत के गीत गाए गए
इस दौरान बाबा काशी विश्वनाथ मंडली की ओर से होली और बसंत के गीत गाए गए। उसके बाद मंदिर में प्रसाद वितरण भी किया गया। महंत अजय पुरी ने बताया कि उत्तरकाशी को कलयुग का काशी कहा जाता है। माना जाता है कि कलयुग में काशी विश्वनाथ अस्सी गंगा और वरुणा नदी के बीच वरुणावत पर्वत की तलहटी में निवास करेंगे।