Security Council Meeting में भारत ने सतत और समावेशी विकास पर दिया जोर
Security Council Meeting : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि डी एफेयर आर. रवींद्र ने कहा कि दुनिया तेजी से दो धड़ों में बट रही है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में शांति, सुरक्षा और समृद्धि है, जबकि अन्य संघर्ष और हिंसा के निरंतर चक्र में फंसे हुए हैं। वह सुरक्षा परिषद की एक मीटिंग में शांति के लिए नया एजेंडा संघर्ष निवारण के वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पहलुओं पर संबोधन विषय पर भारत का पक्ष रख रहे थे। रवींद्र ने विशेष रूप से अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ के बिगड़ते हालात और अनिश्चितता की ओर इशारा किया।
Highlight :
- भारत ने सुरक्षा परिषद की बैठक में समावेशी विकास पर जोर दिया
- रवींद्र ने अफ्रीका और पश्चिम एशिया के बिगड़ते हालात की ओर इशारा किया
सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत का समावेशी विकास पर जोर
उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में जटिल और अस्थिर हो गई हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों, सशस्त्र विद्रहियों और बाहरी सहयोग के साथ संगठित आपराधिक ग्रुप आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे दुनिया में संघर्ष बढ़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा, यह पहचानने की जरूरत है कि संघर्ष की रोकथाम जटिल और कई पहलुओं से युक्त है, इसके लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसलिए हमें न केवल राजनीतिक प्रक्रिया बल्कि सतत और समावेशी आर्थिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करने वाला एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने पर विचार करना है। साथ ही समाधान, सुलह, पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण भी संघर्ष से बचाव संबंधी रणनीतियों के महत्वपूर्ण पहलू हैं।
स्थायी शांति और सुरक्षा की दिशा में प्रभावी कदम
उन्होंने विश्व बिरादरी से पुरजोर तरीके से कहा कि इन सभी पहलुओं को एक साथ मिलाकर ही हम स्थायी शांति और सुरक्षा की दिशा में प्रभावी कदम उठा सकते हैं। भारत ने वैश्विक समुदाय से अपील की कि संघर्ष की रोकथाम में एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाए, जो न केवल तात्कालिक समस्याओं को सुलझाए, बल्कि दीर्घकालिक स्थिरता और विकास को भी सुनिश्चित करे।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।