इजराइल-हमास की लड़ाई ने बढ़ाई टेंशन, तेल की कीमतों में आया उछाल, क्या भारत भी चुनौतियों से जूझेगा?
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहा युद्ध धीरे-धीरे विकराल रूप ले रहा है। दोनों एक-दूसरे पर लगातार बम बरसा रहे हैं। इस कारण अबतक 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इजराइल फिलिस्तीनी ग्रुप हमास को खत्म करने की कसम खा चुका है। मर या मार के इस हालात ने विश्व को हिला कर रख दिया है। बता दें कि इजराइल और फिलिस्तीन की स्थिति के कारण तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी तेल के लिए बेंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) बढ़कर 86 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गया। आपको बता दें कि इजराइल और फिलिस्तीनी क्षेत्र तेल उत्पादक नहीं हैं, लेकिन मध्य पूर्वी क्षेत्र (Middle Eastern Region) वैश्विक आपूर्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा है। इजराइल और फिलिस्तीन इसी क्षेत्र में आते हैं। विश्लेषकों का मानना है, तेल के दाम फिर आसमान छू सकते हैं।
गौरतलब है कि ये युद्ध हमास की ओर से इजराइल पर हजारों रॉकेट दागने के उपरांत शुरू हुआ। सोशल मीडिया पर हमास आतंकियों की क्रूरता के प्रमाण उपलब्ध हैं। वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी (हमास का गढ़) को मलवे में तबदील करने की कसम खाई है।
युद्ध का भारत पर क्या असर?
भारत और इजराइल मित्र राष्ट्र हैं। दोनों देशों ने एक-दूसरे के यहां बड़ा इन्वेस्टमेंट किया हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों देशों के बीच बीते वित्त वर्ष 10 अरब डॉलर के करीब का कारोबार हुआ। लेकिन अभी जो हालात है उसे देखकर व्यापार नामुमकिन लग रहा है। जानकारी के मुताबिक, BPCL (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) शेयर 2 फीसदी से ज्यादा टूट गया।
उल्लेखनीय है कि हमास को ईरान का समर्थन प्राप्त है। दावा किया जा रहा है कि ईरान ने हमास को पैसे और हथियार दिए हैं। अगर इजराइल अब ईरान पर हमला करेगा तो कच्चे तेल की कीमतों में तत्काल प्रभाव से उछाल देखने को मिलेगा और भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ जाएगी, क्योंकि भारत अपनी जरूरत का अधिकतर तेल ईरान से आयात करता है।
हमास के समर्थन में उतरे भारतीय मुसलमान
भारतीय मुसलमान इजराइल पर हुए आतंकी हमले का जश्न मना रहे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में फिलिस्तीन के समर्थन में छात्रों ने रविवार को मार्च निकाला था। वहीं दूसरी ओर भारत सरकार भी अपना रूख साफ कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (7 अक्टूबर) को कहा कि भारत इस कठिन समय में इजराइल के साथ एकजुटता से खड़ा है।