'भाषण में हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं', बजट में भेदभाव के आरोप पर वित्त मंत्री ने विपक्ष को दिया जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को विपक्ष के इस दावे पर तीखा हमला किया कि बजट भेदभावपूर्ण है और कहा कि यह 'अपमानजनक आरोप' है। उन्होंने कहा, "हर बजट में, आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता, कैबिनेट ने वडावन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है? यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम नहीं लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष का जानबूझकर लोगों को यह आभास देने का प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है।"
- वित्त मंत्री ने विपक्ष के इस दावे पर तीखा हमला किया कि बजट भेदभावपूर्ण है
- उन्होंने कहा, हर बजट में इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता
- उन्होंने कहा, मैंने जिस मुद्दे को उठाया है मैंने कई राज्यों का नाम नहीं लिया है
मैंने कई राज्यों का नाम नहीं लिया- वित्त मंत्री
उन्होंने कहा, "मैंने जिस मुद्दे को उठाया है, मैंने कई राज्यों का नाम नहीं लिया है और केवल दो राज्यों के बारे में बात की है। मैं यहां कुछ बिंदु रखना चाहती हूं कि भाषण में क्या होता है। कांग्रेस पार्टी इस देश में बहुत लंबे समय से सत्ता में है और उन्होंने इतने बजट पेश किए हैं कि उन्हें साफ पता होगा कि हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता है। उन्होंने आगे कहा, "मैं कई अलग-अलग राज्यों के नाम ले सकती हूँ, जिनके पास कई बड़ी परियोजनाएँ हैं। अगर भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम नहीं है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार की योजनाएँ और कार्यक्रम, विश्व बैंक, एडीबी, एआईबी और इसी तरह से मिलने वाली बाहरी सहायता, इन राज्यों को नहीं मिलती?" उन्होंने कहा, "वे नियमित रूप से चलते हैं, और सरकार के व्यय विवरण में, सरकार के विभागवार आवंटन में यह सब उल्लेख किया गया है।" निर्मला सीतारमण ने कहा, "मैं जिम्मेदारी के साथ कह रही हूँ कि यह कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टियों का लोगों को यह गलत धारणा देने का जानबूझकर प्रयास है कि उनके राज्यों को धन या योजनाएँ आवंटित नहीं की गई हैं।" कांग्रेस को चुनौती देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "मैं कांग्रेस पार्टी को चुनौती देती हूँ कि उन्होंने जितने भी बजट भाषण दिए हैं। क्या उन्होंने अपने प्रत्येक बजट भाषण में देश के हर राज्य का नाम लिया है? यह एक अपमानजनक आरोप है।"
खड़गे ने बजट पर दिया था बयान
यह तब हुआ जब मल्लिकार्जुन खड़गे ने कल पेश किए गए बजट की निंदा की और दावा किया कि आंध्र प्रदेश और बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य को कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा, "सबकी थाली खाली और सिर्फ दो की थाली में पकौड़े और जलेबी। ये दो राज्य छोड़ कर, किसी को कुछ नहीं मिला। न तो तमिलनाडु, केरल और न ही कर्नाटक, न ही महाराष्ट्र, न पंजाब या राजस्थान और न ही छत्तीसगढ़ को कुछ मिला।"
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