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राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर संशोधन विधेयकों को मंजूरी

09:28 PM Dec 11, 2023 IST
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राज्यसभा ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक-2023 और जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया। इसके साथ ही विधेयक पर संसद की मुहर लग गई। लोकसभा में दोनों विधेयक पहले ही पास कर हो चुके हैं।

HIGHLIGHT

आतंकवाद की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी

इससे पहले सदन में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद मुक्त एक नए कश्मीर की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने ने कहा कि 2004 से 2014 में जब कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी तब कश्मीर में 7,217 आतंकवादी घटनाएं हुई थीं। उसके बाद 2023 तक 2,197 आतंकवादी घटनाएं हुई। आतंकवाद की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है।

घटनाओं में 6,235 नागरिक जख्मी

गृह मंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2004 से 2014 के बीच कश्मीर में करीब 2,900 सिक्योरिटी फोर्स और आम आदमी मारे गए जबकि 2014 से 23 के बीच सुरक्षा बलों व आम जनों को मिलाकर कुल 891 लोग मारे गए। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के जवानों व अधिकारियों की मृत्यु में भी 50 प्रतिशत की कमी आई। शाह ने बताया कि 2010 में पत्थर फेंकने की संगठित वारदातें 2,656 थी और इन घटनाओं 112 नागरिकों की मृत्यु हुई थी। इन घटनाओं में 6,235 नागरिक जख्मी हुए थे। बीते चार साल में पत्थर फेंकने की एक भी घटना नहीं हुई।

वित्तीय सहायता देने वाले नेटवर्क पर भी प्रहार

गृह मंत्री में बताया कि 2010 में सीज फायर उल्लंघन की कुल 70 घटनाएं हुई। जबकि 2023 में ऐसी कुल छह घटनाएं हुई। पहले घुसपैठ के 489 प्रयास हुए थे, अब सिर्फ 48 प्रयास हुए हैं। साल 2010 में 18 आतंकवादी वापस लौट गए थे, अभी 281 आतंकवादी घाटी छोड़कर जा चुके हैं। गृह मंत्री ने कहा कि हमने केवल आतंकवाद ही नहीं बल्कि आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने वाले नेटवर्क पर भी प्रहार किया है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी एनआईए ने आतंकवाद को फाइनेंस करने वालों पर 32 केस दर्ज किए। वहीं स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने ऐसे ही 51 केस दर्ज किए हैं। इन मामलों में 229 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, 150 करोड़ की संपत्ति जब हुई है, 134 बैंक अकाउंट में 100 करोड़ रुपए से अधिक सीज किए गए हैं।

रीति रिवाज के अनुसार दफना दिया जाएगा

शाह ने कहा कि पहले आतंकवादियों के जनाजों में 25-25 हजार लोगों की भीड़ आती थी, लेकिन धारा 370 हटाने के बाद ऐसा दृश्य किसी ने नहीं देखा, क्योंकि हमने निर्णय लिया है कि जो भी आतंकवादी मारा जाएगा उसे वहीं उसके रीति रिवाज के अनुसार दफना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय कर लिया है कि यदि पत्थर फेंकने का कोई मामला दर्ज है तो उस व्यक्ति के परिवार में किसी को नौकरी नहीं मिलेगी। जिसके परिवार के सदस्य पाकिस्तान में बैठकर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं उसके परिवार में किसी को नौकरी नहीं मिलेगी। यदि टेलीफोन रिकॉर्ड के आधार पर यह पाया जाता है कि किसी परिवार का व्यक्ति आतंकवाद को बढ़ावा देने में शामिल है तो ऐसे व्यक्ति के परिवार का सदस्य पहले से नौकरी मैं है तो उसे डिसमिस करने का सर्विस रूल बनाया गया है।

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