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जम्मू-कश्मीर : उधमपुर जिले में भारत के चुनाव आयोग ने बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए घर से मतदान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह पहल 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण से पहले लागू की गई है। सोमवार को शुरू हुई यह प्रक्रिया 26 सितंबर तक जारी रहेगी, जिसका उद्देश्य उन मतदाताओं को सहारा देना है जो मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंच सकते। पहले दिन, लगभग 115 वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों के वोट डालने की उम्मीद है। इनमें 92 वर्षीय बिशन दास गुप्ता भी शामिल हैं, जो सलैं तालाब वार्ड नंबर 14 के निवासी हैं। उन्होंने घर से मतदान करने की प्रक्रिया पर खुशी व्यक्त की और अन्य लोगों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की अपील की।
Highlight :
उधमपुर के जिला चुनाव अधिकारी सलोनी राय ने कहा कि सभी चार निर्वाचन क्षेत्रों में घर से मतदान शुरू हो चुका है। उन्होंने गोपनीयता, पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का पालन करने पर जोर दिया। इस डोर-टू-डोर मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए लगभग 40 मतदान दल तैनात किए गए हैं, जो सुरक्षा बलों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि योग्य मतदाता अपने घरों में आराम से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
इस बीच, 25 सितंबर को जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान दलों ने अपनी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) एकत्र कीं और अपने-अपने मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो गए। जदीबल निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर खालिद हुसैन मलिक ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने मतदान दलों के कल्याण पर जोर दिया है। उन्होंने बताया कि जदीबल निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 143 मतदान केंद्र हैं, जो इसे श्रीनगर जिले का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र बनाता है।
डॉ. खालिद हुसैन मलिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ईवीएम और सामग्री वितरित की जा रही है। सभी पोल पार्टियां यहां पहुंच चुकी हैं। मुझे लगता है कि अगले 2 घंटों के भीतर सभी पोल पार्टियां यहां से रवाना हो जाएंगी। उन्होंने आगे बताया कि चुनाव आयोग ने पोलिंग पार्टियों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया है, जिसमें उनके लिए बिस्तर, भोजन और जलपान की व्यवस्था शामिल है।
इस पहल से न केवल बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को मतदान में भाग लेने का अवसर मिलेगा, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी मजबूत करने में मदद करेगा। इस तरह की सुविधाएं सुनिश्चित करती हैं कि हर मतदाता, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो, अपने अधिकार का प्रयोग कर सके। चुनाव आयोग की यह प्रयास सुनिश्चित करती है कि सभी नागरिक अपनी आवाज उठा सकें और चुनावी प्रक्रिया में भाग लें।
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