UP: सपा ने लालबिहारी यादव को विधानपरिषद में नेता विपक्ष बनाया
Lal Bihari Yadav : यूपी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के चेहरे पर अब विराम लग चुका है। अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव के लिए इस नेता पर भरोसा जताते हुए नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है। विपक्ष ने लाल बिहारी यादव को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है। विधानसभा में सपा ने शिवपाल सिंह यादव पर दांव नहीं लगाया। गौरतलब हो की इस पद के लिए दो और नाम रेस में आगे चल रहे थे।
- यूपी चुनाव के मद्देनज़र समाजवादी पार्टी ने चला बड़ा दांव
- लाल बिहारी यादव बनाए गए उत्तर प्रदेश विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष
- चार बार के एमएलसी के साथ साथ शिक्षकों की आवाज के लिए जाने जाते हैं
कौन हैं लाल बिहारी यादव ?
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए लाल बिहारी यादव ( Lal Bihari Yadav ) आजमगढ़ से ताल्लुख रखते हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1960 को आजमगढ़ के विशुन पुर में हुआ था। लाल बिहारी एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार से आते हैं। लाल बिहारी यदाव 2020 में हुए वाराणसी खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर एमएलसी बने थे। शिक्षकों के हितों और उनके अधिकारियों की लड़ाई लड़ने वाले लाल बिहारी यादव यूपी माध्यमिक शिक्षक संघ वित्त विहीन गुट के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। शिक्षकों के हितों की आवाज उठाने के लिए उनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। कई बार जेल भी जा चुके हैं।
शिक्षकों की लड़ाई लड़ने के लिए जाने जाते हैं
लाल बिहारी यादव ( Lal Bihari Yadav ) ने वित्त विहीन शिक्षकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए साल 2004 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (वित्त विहीन गुट) का गठन किया था। तब से शिक्षकों की लगातार आवाज उठा रहे हैं। मिल रही जानकारी के मुताबिक 2007 और 2013 में गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक निर्वाचन खंड और 2017 में इलाहाबाद-झांसी शिक्षक निर्वाचन खंड से MLC का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। 2020 में सपा का साथ मिलने के बाद चौथी बार में MLC बनने का सपना पूरा हुआ था। उन्होंने पीएम मोदी के गढ़ में जीत दर्ज की थी। वहीं विधान परिषद का नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर लाल बिहारी यादव ने सपा मुखिया अखिलेश यादव का आभार व्यक्त किया है।
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