'वकील हमारे देश की ताकत', स्वतंत्रता दिवस पर बोले CJI चंद्रचूड़
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में 78वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद भी वकील और बार हमारे देश में अच्छाई की ताकत रहे हैं। CJI ने याद किया, हमारे स्वतंत्रता संग्राम में, कई वकीलों ने अपनी अच्छी खासी कानूनी प्रैक्टिस छोड़ दी और खुद को राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा वकील न केवल भारत के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करने में, बल्कि एक स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना में भी सहायक थे। लेकिन देशभक्त वकीलों का कार्य भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने के साथ समाप्त नहीं हुआ। उन्होंने वकीलों को याद दिलाया कि भारतीय समाज और अदालत की नैतिक चेतना को बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश में कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और कानूनी विकास की दिशा के लिए बार जिम्मेदार रहा है, जिसने हमारी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाया है।
- CJI ने कहा आजादी के बाद भी वकील हमारे देश में अच्छाई की ताकत रहे हैं
- CJI ने याद किया स्वतंत्रता संग्राम में कई वकीलों ने अपनी कानूनी प्रैक्टिस छोड़ दी
77 वर्षों में देश ने कई उपलब्धियां हासिल की
CJI चंद्रचूड़ ने कहा, "वकील समुदाय ने संविधान को एक मजबूत बुनियादी ढांचे पर आधारित करने, ठोस उचित प्रक्रिया शुरू करने, महिलाओं, लैंगिक अल्पसंख्यकों और एलजीबीटीक्यू लोगों और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों की गरिमा की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।" उन्होंने कहा कि 77 वर्षों में देश ने सामाजिक न्याय, वैज्ञानिक विकास, आर्थिक समृद्धि और राजनीतिक उपलब्धियों की नई सीमाएं हासिल की हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “भारत में हर धड़कता हुआ दिल, चाहे उनकी उम्र या कद कुछ भी हो, समय में पीछे चला जाता है और जब हम स्वतंत्रता दिवस पर अपने झंडे को ऊंचा लहराते हुए देखते हैं, तो हमारा दिल अपने स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति कृतज्ञता की भावना से भर जाता है।”
PM मोदी ने कही बड़ी बात
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराध और बलात्कार पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि देश को, समाज को और सभी राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। साथ ही उन्होंने महिलाओं पर अत्याचार करने वाले अपराधियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाने की भी बात कही। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महिला सुरक्षा पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं आज लाल किले से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के नाते हमें गंभीरता से सोचना होगा कि हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। इस आक्रोश को मैं महसूस कर रहा हूं। इसको देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा।
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