Maharashtra: उपमुख्यमंत्री Ajit Pawar बोले-पुरानी पेंशन योजना के खिलाफ बदल गया मेरा पहले का रुख
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार(12 दिसंबर) को कहा कि पुरानी पेंशन योजना के खिलाफ उनका पहले का रुख बदल गया है और वह इस पर सकारात्मक रूप से पुनर्विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वेतन, पेंशन राशि और राज्य के वित्त पर इसके बोझ के बीच संतुलन बनाना चाहती है। उपमुख्यमंत्री पवार ने नागपुर में पत्रकारों से कहा कि वह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के मुद्दे पर पहले ही प्राथमिक चर्चा कर चुके हैं।
महाराष्ट्र में कई सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारी ओपीएस की बहाली की मांग कर रहे हैं, जिसे 2005 में राज्य में बंद कर दिया गया था। ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर मासिक पेंशन मिलती थी। कर्मचारियों द्वारा अंशदान की कोई आवश्यकता नहीं थी। नई पेंशन योजना के तहत राज्य सरकार का कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का दस प्रतिशत योगदान देता है और राज्य भी उतना ही योगदान करता है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा की देवेंद्र फडणवीस ने ओपीएस के प्रति अपना विरोध जताया था। जब मैं पहले राज्य का वित्त मंत्री था तो मैंने भी एक सत्र के दौरान ऐसी ही बातें कही थीं लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार, केंद्र इस लंबित मुद्दे को हल करने के बारे में सोच रहा है, जिससे लोगों को आर्थिक रूप से लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को वर्ष 2021 से वित्तीय लाभ मिलेगा। पवार ने कहा, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मैं पहले ही ओपीएस के मुद्दे पर प्राथमिक चर्चा कर चुके हैं। हम वेतन, पेंशन राशि और राजकोष पर इसके बोझ के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं।”