महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे के लिए प्रचार करेंगी ममता बनर्जी
Maharashtra Election : साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को ममता बनर्जी की ओर से बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगी।
Highlights:
- लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे से मिली ममता बनर्जी
- उद्धव ठाकरे की शिवसेना के लिए साल के अंत में होने वाले चुनाव में करेंगी प्रचार
- केंद्र सरकार पर संविधान हत्या दिवस समेत अन्य मुद्दों पर जमकर साधा निशाना
बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) और ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) का हिस्सा हैं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। दोनों नेताओं के बीच अच्छे संबंध रहे हैं। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि ठाकरे गुट शेर की तरह लड़ा।
सरकार अस्थिर है और हो सकता है कि यह अपना कार्यकाल पूरा न कर पाए- ममता बनर्जी
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अस्थिर है और हो सकता है कि यह अपना कार्यकाल पूरा न कर पाए। बनर्जी ने शुक्रवार को शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुंबई के बांद्रा स्थित उनके आवास ‘मातोश्री’ में मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह अपने मुंबई प्रवास के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार से भी मुलाकात करेंगी।
‘संविधान हत्या दिवस’ के सवाल पर वर्तमान सरकार के कार्यकाल से तुलना
जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से इस बयान को स्पष्ट करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘खेला शुरू हो गया है, यह जारी रहेगा।’’ केंद्र सरकार ने 1975 में 25 जून को आपातकाल लगाने की याद में हर साल इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के तौर पर मनाने की घोषणा की है। इस बारे में पूछे जाने पर ममता बनर्जी ने कहा कि आपातकाल जैसा अधिकतर समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में देखने को मिल रहा है।
नए कानूनों को लागू करने में किसी की सहमति नहीं ली गयी- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य कानून के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लाने के लिए संसद में विधेयक पेश करने से पहले किसी से विचार-विमर्श नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इन तीनों विधेयकों को तब पारित किया गया जब बड़ी संख्या में सांसद निलंबित थे और कई लोग इन कानूनों से भयभीत हैं।
माकपा से गठबंधन का कोई सवाल नहीं
विपक्ष के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ समझौता नहीं कर सकती क्योंकि उनकी पार्टी वाम मोर्चा को हराकर सत्ता में आई है।
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