CAA के तहत नागरिकता के लिए असम से अब तक कोई आवेदन नहीं मिला: सीएम हिमंत
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए एक भी आवेदन उनके राज्य से अभी तक नहीं प्राप्त हुआ है। होजई में एक कार्यक्रम से इतर सरमा ने कहा कि जिन लोगों ने सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, उन्हें 2019 में राज्य में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि असम से एक भी व्यक्ति ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत आवेदन नहीं किया है, इसके विपरीत गुजरात में लोगों ने ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से नागरिकता प्राप्त की है।
सरमा ने कहा, ''यह जानने के लिए पोर्टल पर पूछताछ करें कि कितने लोगों ने आवेदन किया है। असम से अभी तक एक भी आवेदन नहीं किया गया है। गुजरात में लोगों को (सीएए के तहत ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से) भारतीय नागरिकता मिल गई है।'' आवेदकों को सीएए के प्रावधानों के तहत नागरिकता के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपना अनुरोध प्रस्तुत करना आवश्यक है। सरमा ने सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान हुई मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को अपने कृत्यों के लिए जवाब देना होगा।
उन्होंने कहा, ''इन पांच लोगों की जिंदगी के लिए अब कई लोगों को जवाब देना होगा।'' इस बीच, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) और 30 अन्य स्वदेशी, गैर-राजनीतिक समूहों सहित विभिन्न संगठनों ने विवादास्पद कानून के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सीएए के खिलाफ अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखते हुए जिला मुख्यालय पर सत्याग्रह किया। सीएए के विरोधी सोमवार को इसके लागू होने के बाद से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और चिंता जता रहे हैं कि यह 1985 के असम समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।