India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

भविष्य में समुद्री खतरे बढ़ेंगे, हमें तैयार रहने की जरूरत: Rajnath Singh

06:20 PM Sep 24, 2024 IST
Advertisement

Rajnath Singh: वर्तमान भूराजनीतिक स्थिति को देखते हुए भविष्य में समुद्री खतरे बढ़ेंगे। हमें सतर्क और तैयार रहने की जरूरत है। मंगलवार को यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही। वह दिल्ली में आयोजित भारतीय तटरक्षक (ICG) कमांडरों के सम्मेलन में बोल रहे थे।

Highlights

नए टेक्नोलॉजी के इस युग में सुरक्षा के क्षेत्र में अहम बदलाव - Rajnath Singh

मंगलवार को दिल्ली में आयोजित भारतीय तटरक्षक (ICG) कमांडरों के सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया तकनीकी क्रांति के दौर से गुजर रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी और ड्रोन के इस युग में सुरक्षा के क्षेत्र में अहम बदलाव देखने को मिल रहे हैं। समुद्री सुरक्षा की जटिलताओं की पृष्ठभूमि में तटरक्षक कमांडरों का सम्मेलन रणनीतिक, परिचालन और प्रशासनिक मामलों पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण मंच है।

रक्षा मंत्री ने ICG को भारत का अग्रणी रक्षक बताया

यहां तटरक्षक मुख्यालय में वरिष्ठ कमांडरों को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री ने आईसीजी को भारत का अग्रणी रक्षक बताया, जो निरंतर निगरानी के माध्यम से देश की विशाल तटरेखा की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, और आतंकवाद और हथियारों की तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों की रोकथाम करता है। तटरक्षक दल जिस बहादुरी और समर्पण के साथ संकट के समय में देश की सेवा करता है, उसकी सराहना करते हुए उन्होंने उन बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने पोरबंदर के पास हाल ही में एक ऑपरेशन में अपनी जान गंवा दी।

आंतरिक आपदाओं से बचाने में भी ICG का योगदान

राजनाथ सिंह ने देश को आंतरिक आपदाओं से बचाने में भी आईसीजी के योगदान को अद्वितीय बताया। उन्होंने चक्रवात मिचौंग के बाद चेन्नई में तेल रिसाव के दौरान तटरक्षक दल की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की। यहां तटरक्षक बल की सक्रियता से तटीय पारिस्थितिकी तंत्र को एक बड़ी क्षति होने से बचा लिया गया।

समुद्री सीमाओं पर अत्याधुनिक तकनीक

रक्षा मंत्री ने आईसीजी को सबसे मजबूत तट रक्षकों में से एक बनाने के अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने आज के अप्रत्याशित समय में उभरते खतरों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी-उन्मुख बल बनने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने समुद्री सीमाओं पर अत्याधुनिक तकनीक के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह देश की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए फोर्स मल्टीप्लायर के रूप में कार्य करती है।

नवीनतम प्रौद्योगिकी को शामिल करने के लाभों पर जोर

राजनाथ सिंह ने कहा, जनशक्ति का महत्व हमेशा रहेगा, लेकिन दुनिया को हमें प्रौद्योगिकी-उन्मुख तटरक्षक बल के रूप में जानना चाहिए।” रक्षा मंत्री ने नवीनतम प्रौद्योगिकी को शामिल करने के लाभों पर जोर दिया, उन्होंने कमांडरों को इसके नकारात्मक पक्ष से सावधान रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रौद्योगिकी को दोधारी तलवार करार दिया और आईसीजी से संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय, सतर्क और तैयार रहने का आह्वान किया। राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों और आईसीजी को स्वदेशी प्लेटफार्मों और उपकरणों के साथ आधुनिक बनाने और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

4,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 31 जहाज

'आत्मनिर्भरता' हासिल करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर उन्होंने कहा कि आईसीजी के लिए 4,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 31 जहाज भारतीय शिपयार्ड द्वारा बनाए जा रहे हैं। उन्होंने आईसीजी की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा दी गई मंजूरी पर भी प्रकाश डाला, जिसमें मल्टी-मिशन समुद्री विमान, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो, इंटरसेप्टर नौकाएं, डोर्नियर विमान और अगली पीढ़ी के फास्ट पेट्रोल जहाजों की खरीद शामिल है। रक्षा मंत्री ने आईसीजी से खुद में सुधार जारी रखने, एक विशिष्ट पहचान बनाने, अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने और नए जोश के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं

Advertisement
Next Article