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Row on One Nation One Election: कोविंद कमेटी की रिसर्च और रिपोर्ट में इस बात का पता चला है कि वन नेशन वन इलेक्शन के जरिए ही दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन और जर्मनी समेत कई देशों में वोटिंग हो रही है।
वन नेशन वन इलेक्शन पर देश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. वन नेशन वन इलेक्शन पर बनी कोविंद कमेटी को जैसे ही मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिली, विपक्षी दल आक्रामक हो गए। इस बीच कोविंद कमेटी की रिसर्च और रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में उन देशों का जिक्र किया गया है। जहां वन नेशन वन इलेक्शन की नीति लागू है यानी कि एक ही बार में चुनाव कराए जा रहे हैं।
किन देशों में है वन नेशन वन इलेक्शन?
1. दक्षिण अफ्रीका
कोविंद कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका में मतदाता एक साथ नेशनल असेंबली और प्रान्तीय विधायक के लिए वोट करते हैं।
2. स्वीडन
स्वीडन में भी वन नेशन वन इलेक्शन के जरिए ही संसद, काउंटी और म्यूनिसिपल काउंसिल के चुनाव एक साथ होते हैं।
3. बेल्जियम
बेल्जियम में भी संघीय संसद के चुनाव यूरोपीय संघ के चुनावों के साथ होते हैं।
4. जर्मनी
जर्मनी की संसद के निचले सदन यानी बुंडेसटाग, स्टेट असेंबली और लोकल बॉडी के इलेक्शन साथ-साथ कराने की व्यवस्था है।
5. फिलीपींस
फिलीपींस में भी नेशनल और स्थानीय पदाधिकारियों के चुनाव हर तीन साल में एक साथ कराए जाते हैं।
6. इंडोनेशिया
इंडोनेशिया ने हाल ही में वन नेशन वन इलेक्शन को अपनाया. इसी साल फरवरी, 2024 में राष्ट्रपति, संसद, क्षेत्रीय विधानसभा और नगरपालिका के चुनाव एक साथ हुए।
ये बड़ा बदलाव होने जा रहा
वन नेशन वन इलेक्शन को मिली मंजूरी के बाद देश की 543 लोकसभा सीट और सभी राज्यों की कुल 4130 विधानसभा सीटों पर एक साथ चुनाव कराने का रास्ता खुला है। वन नेशन वन इलेक्शन से वोटर सांसद और विधायक चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर वोट डाले जाएंगे. केंद्र सरकार के मंत्री समेत तमाम बीजेपी नेता वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन करते हुए कह रहे हैं कि इससे काफी धन की बचत होगी।