आज से सावन का हुआ आरंभ, मंदिरों में लगी भक्तों की कतार, बोल बम के जयकारों से गूंजे शिवालय
सावन मास का पहला सोमवार आते ही भक्तों की लंबी-लंबी कतार मंदिरों के बाहर देखने को मिल रही है। गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में सुबह 4 बजे से ही भक्तों ने लाइन लगाना शुरू कर दिया था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालु भोले शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं। किसी तरीके की कोई अव्यवस्था न हो इसलिए पुलिस ने पहले से ही इसकी तैयारियां चाक चौबंद कर रखी थीं। इस वर्ष सावन का पवित्र महीना 22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहेगा।
- आज से श्रावण मास शुरू हो चुका है
- पहला सोमवार आते ही भक्तों की लंबी-लंबी कतार मंदिरों के बाहर लगी हैं
- कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालु भोले शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं
सावन भगवान शिव और चंद्र देव का महीना
माना जाता है। वैसे तो सावन का पूरा महीना ही शुभ है, लेकिन इसमें सोमवार का महत्व अधिक है। इस बार सावन की शुरुआत और समापन दोनों सोमवार के दिन हो रही है। इस बार सावन में सोमवार भी पांच आएंगे। सावन की शुरुआत चंद्रमा के नक्षत्र 'श्रवण' में हो रही है। यानी इस बार सावन में शिवजी की कृपा ज्यादा मिलेगी और चन्द्रमा के कारण अधिक से अधिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। शहर के वनखंडेश्वर मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, कुंडेश्वर मंदिर, बड़े हनुमान मंदिर, नवादा पार्क महादेव मंदिर, अटेर क्षेत्र के प्राचीन बोरेश्वर धाम मंदिर आदि अन्य शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। कई लोगों ने पंडितों की मौजूदगी में शिव महाभिषेक किया। महामृत्युंजय के जाप शुरू हुए तथा रुद्राभिषेक किया गया। वहीं सावन मास में एक महीने तक प्रत्येक शिव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का दौर चल रही है। मंदिर में भोले के दर्शन करने के लिए सुबह 4 बजे से ही लंबी-लंबी लाइन दोपहर तीन बजे तक लगी रही।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
गाजियाबाद पुलिस की तरफ से रूट डायवर्जन प्लान पहले ही जारी कर दिया गया था। दूधेश्वर नाथ मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के चलते पुलिस ने वहां पर बैरिकेडिंग कर वाहनों के आवागमन को पूरी तरीके से बंद कर रखा है और साथ ही साथ भक्तगण लाइन में आए इसके लिए बैरिकेडिंग के जरिए रास्ता बनाया गया है। साथ ही साथ पूरे इलाके में सीसीटीवी इंस्टॉल है। जिनके जरिए पुलिस कंट्रोल रूम से चप्पे चप्पे पर निगाह रखे हुए है। आज से ही कांवड़ियों की आवाजाही काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। जिसको देखते हुए सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हजारों की संख्या में कांवड़िए गंगा जी का जल लेने हरिद्वार जाते हैं और फिर वापस आकर अपने-अपने शिवालियों पर इस जल से शिवजी का जलाभिषेक करते हैं।
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