BJP के कद्दावर नेता, पूर्व डिप्टी सीएम और सांसद , ऐसा रहा सुशील मोदी तीन दशक लंबा राजनीतिक करियर
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। बता दें कि बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेताओं में सुशील मोदी एक थे। वह 72 वर्ष के थे और कैंसर से पीड़ित थे। सुशील कुमार मोदी बिहार के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। रेडीमेड कपड़े का पैतृक व्यवसाय छोड़कर राजनीति में कदम रखने वाले मोदी सियासत में माहिर थे। बिहार में सत्तासीन होने के बीजेपी के सपना पूरा करने में उनकी अहम भूमिका थी। माना जाता है कि बिहार में जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन सरकार के पतन के पीछे सुशील मोदी ने ही मुख्य किरदार निभाया था।
बता दें कि, सुशील मोदी को बीते छह महीने से कैंसर था। खुद को कैंसर होने की जानकारी उन्होंने अपने एक एक्स पोस्ट में 3 अप्रैल को दी थी। सुशील मोदी 5 जनवरी 1952 को पटना के एक मारवाड़ी (वैश्य बनिया) परिवार में जन्मे थे। उनकी माता का नाम रत्नादेवी था और उनके पिता का नाम मोती लाल मोदी था। सुशील कुमार मोदी ने पटना साइंस कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी और 1973 में बॉटनी ऑनर्स किया था। मोदी ने 1987 में जेसी जॉर्ज से इंटरकास्ट और इंटररिलीजन शादी की थी। उनकी पत्नी मुंबई की रहने वाली हैं। उनकी पत्नी जेस्सी सुशील मोदी ईसाई धर्म से हैं और प्रोफेसर हैं। उनके दो बेटे हैं जिनमें एक का नाम उत्कर्ष तथागत और दूसरे का नाम अक्षय अमृतांक्षु है। सुशील मोदी ने 'क्या बिहार भी बनेगा असम' और 'रिजर्वेशन' नाम से दो किताबें लिखी हैं। वे चीन, फ्रांस, हॉलैंड, इजराइल, इटली मॉरीशस, श्रीलंका, स्विटजरलैंड, यूके और यूएसए की यात्रा कर चुके हैं।
सुशील कुमार मोदी का तीन दशक लंबा राजनीतिक करियर रहा है। इस दौरान वह विधायक, एमएलसी, लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद भी रहे। बिहार सरकार में वित्त वित्त मंत्री तक का पद संभाला। वह दो बार बिहार के डिप्टी सीएम रहे। पहली बार 2005 से 2013 तक और दूसरी बार 2017 से 2020 तक डिप्टी सीएम का पद संभाला।
तीन दशक लंबा राजनीतिक करियर
1962 के चीन के साथ युद्ध के दौरान, सुशील मोदी ने स्कूल छात्रों को एकत्रित करने का काम बखूबी निभाया। नागरिकों और छात्रों की फिटनेस सुधारने और उन्हें परेड सिखाने के लिए सिविल डिफेंस ने उन्हें कमांडेंट के तौर पर नियुक्त किया था। इसी दौरान, सुशील मोदी आरएसएस से जुड़ गए। सुशील मोदी 1973 में पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंड यूनियन के जनरल सेक्रेटरी थे।
पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान सुशील मोदी छात्र राजनीति में सक्रिय थे और 1974 में जय प्रकाश नारायण के आह्वान पर छात्र आंदोलन में कूद पड़े और अपनी एमएससी की पढ़ाई अधूरी छोड़ दी थी। जेपी आंदोलन और आपातकाल के दौरान सुशील मोदी की 5 बार गिरफ्तारी हुई। 1977 से 1986 तक सुशील मोदी स्टेट ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी, ऑल इंडिया सेक्रेटरी, इन-चार्ज ऑफ यूपी एंड बिहार और विद्यार्थी परिषद के ऑफ इंडिया जनरल सेक्रेटरी के पदों पर आसीन रहे।
1990 में सुशील कुमार मोदी सक्रिय राजनीति में आए और पटना सेंट्रल विधानसभा सीट से चुने गए। 1995 और 2000 में भी वे विधानसभा पहुंचे। 1996 से 2004 के बीच वे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। पटना हाई कोर्ट में उन्होंने लालू प्रसाद के खिलाफ जनहित याचिका डाली जिसका खुलासा चर्चित चारा घोटाले के रूप में हुआ।
2004 में सुशील मोदी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा और भागलपुर से विजयी रहे। 2005 में बिहार चुनावों में एनडीए को बहुमत मिला। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो तो सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली। साथ में वित्त मंत्रालय और कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी संभाली। 2010 में एनडीए की फिर जीत हुई और और नीतीश सरकार में सुशील मोदी फिर उपमुख्यमंत्री बने। वित्त मंत्री के रूप में जुलाई 2011 में सुशील मोदी को GST पर बनी राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति का चेयरमैन बनाया गया। सुशील मोदी ने झारखंड के निर्माण का भी समर्थन किया था।
सुशील मोदी के राजनीतिक सफर का क्रोनॉलौजि-
- 1973 में सुशील मोदी छात्र संघ के महासचिव चुने गए थे।
- 1990 में वह पहली बार पटना सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।
- इसके बाद वह 1995 में भी विधायक चुने और तभी उन्हें बीजेपी का चीफ व्हिप बना दिया गया था।
- इसके बाद वह 2000 में लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए।
- सुशील कुमार मोदी 1996 से 2004 तक बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे।
- सुशील कुमार मोदी 2004 में भागलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। 2005 में, उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता छोड़ दी और एमएलसी बना दिए गए, जिसके बाद उन्हें पहली बार उपमुख्यमंत्री बनाया गया और नीतीश कुमार सीएम बने।
- नवंबर 2005 - जून 2013 और जुलाई 2017 - नवंबर 2020 तक सुशील मोदी बिहार सरकार में डिप्टी सीएम के साथ-साथ बिहार के वित्त मंत्री भी रहे।
- 2006-2012, 2012-2018 और 2018-2020 तक वह एमएलसी रहे, कमेटी ऑन पब्लिक अंडरटेकिंग्स के सदस्य और जल संसाधन समिति के भी सदस्य रहे।
- जुलाई 2011 - जून 2013 - राज्य वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष रहे।
- जून 2013 से जुलाई 2017 तक विपक्ष के नेता रहे.
- जुलाई 2017 - नवंबर 2020 तक सुशील मोदी जीएसटी काउंसिल के सदस्य रहे।
- दिसंबर 2020 में सुशील मोदी राज्यसभा के सदस्य चुने गए। इस दौरान वह जीएसटी काउंसिल में अलग-अलग पदों पर काम किया।
- दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक सुशील मोदी कमेटी ऑन अर्बन डेवलपमेंट के सदस्य रहे।
- इसके बाद वह 2023 तक अलग-अलग कमेटियों में सदस्य के तौर पर काम किया।