Supreme Court ने 'Voting Turnout' का डाटा जारी करने के लिए आयोग को निर्देश देने से किया इनकार
Supreme Court on Voting Turnout: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एडीआर की उस याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें निर्वाचन आयोग को मतदान केंद्रवार मतदान प्रतिशत आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
Highlights:
- उच्चतम न्यायालय ने 'वोटिंग टर्नआउट' के मुद्दे पर किसी भी प्रकार के निर्देश देने से किया इनकार
- कहा- 'मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल होगा'
- गैर सरकारी संगठन ADR की याचिका पर कोर्ट ने सुनाया यह फैसला
शीर्ष अदालत ने एनजीओ ‘असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ ( ADR ) की ओर से दाखिल अंतरिम अर्जी (एआई) स्थगित कर दी और इसे चुनाव बाद रेगुलर बेंच के समक्ष लिस्टेड किया जाएगा।
Supreme Court ने क्या कहा ?
न्यायालय ने कहा कि निर्वाचन आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल होगा। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि वह फिलहाल ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं कर सकती क्योंकि चुनाव के पांच चरण संपन्न हो चुके हैं और दो चरण बाकी हैं।
पीठ ने कहा,‘‘ एआई में कोई भी राहत देना मुख्य याचिका में राहत देने के समान होगा,जो लंबित है।’’
दरअसल, इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 17 मई को एनजीओ की याचिका पर निर्वाचन आयोग से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा था जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण का मतदान संपन्न होने के 48 घंटे के अंदर मतदान केंद्रवार मत प्रतिशत के आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
यह याचिका 2019 के याचिका के ही समान प्रतीत होता है - Supreme Court
सुनवाई कर रही बेंच ने यह कहते हुए इनकार कर दिया की प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अर्जी में किया गया अनुरोध इसी मुद्दे पर 2019 से पेंडिंग मुख्य याचिका के समान हैं।
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