सरकारी योजनाओं का सबसे ज्यादा फायदा समाज के वंचित वर्ग को मिला: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का सबसे ज्यादा फायदा अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जैसे वंचित वर्गों के लोगों को मिला है। उन्होंने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर वंचित वर्गों की उपेक्षा करने और देश की प्रगति में उनकी भूमिका की कभी सराहना नहीं करने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ‘पीएम-सूरज’ राष्ट्रीय पोर्टल की शुरुआत के मौके पर दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और जनजातीय समाज से आने वालीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के चयन का जिक्र करते हुए कहा कि वंचित तबके के लोगों को शीर्ष पदों तक पहुंचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रयास जारी रहेंगे।
- वित्तीय सहायता की सुविधा
- छात्रों को विज्ञान से संबंधित विषयों में पीएचडी करने में मदद
- वर्ष 2047 तक विकसित भारत
कोई कैसे कह सकता है कि मेरा कोई परिवार नहीं
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने कोविंद और मुर्मू की हार सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कोशिश की। विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से पूछा, ‘‘कोई कैसे कह सकता है कि मेरा कोई परिवार नहीं है। जब मेरे पास आप जैसे भाई और बहन हैं?’’ मोदी ने कहा कि मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज, पक्के घर, शौचालय और उज्ज्वला गैस कनेक्शन जैसी योजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी वंचित वर्ग के लोग हैं।
कार्यक्रम में शामिल लोगों में वंचित समूहों के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि शौचालय और रसोई गैस के लिए उनकी सरकार की योजनाओं से समाज के वंचित तबके को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘एससी, एसटी, ओबीसी गरीबों के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी हैं। अब हम इन योजनाओं के तहत शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान और रोजगार आधारित जनकल्याण (पीएम-सूरज) राष्ट्रीय पोर्टल का उद्देश्य अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों और स्वच्छता श्रमिकों सहित देश भर में पात्र व्यक्तियों को ऋण सहायता प्रदान करना है। इस पहल का उद्देश्य समाज के सबसे वंचित वर्गों का उत्थान करना है।
एक लाख लाभार्थियों के खातों में 720 करोड़ रुपये की सहायता उनके बैंक अकाउंट में
उन्होंने कहा कि वंचित वर्ग से जुड़े एक लाख लाभार्थियों के खातों में 720 करोड़ रुपये की सहायता राशि सीधे उनके बैंक अकाउंट में भेजी गई है। मोदी ने कहा कि सूरज पोर्टल अन्य सरकारी योजनाओं से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के समान समाज के वंचित वर्गों को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेगा और इसके लिए बिचौलिया, कमीशन देने या किसी की सिफारिश के लिए चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछली सरकारों के दौरान डीबीटी की ऐसी व्यवस्था अकल्पनीय थी। प्रधानमंत्री ने सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई में लगे सफाई मित्रों को आयुष्मान भारत कार्ड और पीपीई किट बांटे जाने का भी जिक्र किया।
वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे वंचित वर्गों के विकास के बिना हासिल नहीं किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अवरोधों को खत्म किया है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि दूसरों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे गैस कनेक्शन, बैंक खाते, शौचालय समेत अन्य सुविधाएं दलितों, पिछड़ों, वंचितों और आदिवासियों को भी मिलें। प्रधानमंत्री ने बताया कि वंचित वर्गों की कई पीढ़ियां बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने में ही बर्बाद हो गईं। मोदी ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने सरकार से उम्मीद छोड़ दी थी, 2014 के बाद सरकार उनके पास पहुंची और देश के विकास में उन्हें भागीदार बनाया।
60,000 लोगों को वित्तीय सहायता दी गई
प्रधानमंत्री ने घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू समुदायों के लिए कार्यक्रमों और सफाई कर्मचारियों के लिए नमस्ते (मशीनीकृत स्वच्छता व्यवस्था के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई) योजना का भी उल्लेख किया। मैला ढोने की अमानवीय प्रथा के उन्मूलन के बारे में उन्होंने कहा कि 60,000 लोगों को वित्तीय सहायता दी गई है ताकि वे सम्मान का जीवन जी सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘सरकार एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थानों द्वारा वंचित वर्गों को प्रदान की जाने वाली सहायता पिछले 10 वर्षों में दोगुनी हो गई है। मोदी ने कहा, ‘‘पिछली सरकार में लाखों-करोड़ रुपये के घोटाले किए गए। हमारी सरकार ये पैसा दलित, वंचित के कल्याण और देश के निर्माण के लिए खर्च कर रही है।’
छात्रों को विज्ञान से संबंधित विषयों में पीएचडी करने में मदद
उन्होंने एससी, एसटी और ओबीसी युवाओं के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाने, मेडिकल सीटों के अखिल भारतीय कोटा में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने, राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में ओबीसी छात्रों के लिए पैठ बनाने और वंचित समुदायों के छात्रों के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति से सहायता का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने विदेश में मास्टर और पीएचडी डिग्री हासिल करने के इच्छुक वंचित वर्ग के छात्रों के लिए नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि छात्रों को विज्ञान से संबंधित विषयों में पीएचडी करने में मदद के लिए राष्ट्रीय फेलोशिप की राशि भी बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना में एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों सहित गरीबों को लगभग 30 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘सरकार वंचित वर्गों के युवाओं के रोजगार और स्वरोजगार को भी प्राथमिकता दे रही है।
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