मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, प्रतिद्वंद्वी संगठनों के बीच गोलीबारी में नौजवान की मौत
मणिपुर में हिंसा अबतक पूरी तरह शांत नहीं हुई है। एक ताजा घटना में कांगपोकपी और बिष्णुपुर के बीच अंतर-जिला सीमा पर प्रतिद्वंद्वी संगठनों के कैडरों के हमले में 21 वर्ष के एक युवक की मृत्यु हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
HIGHLIGHTS
- मणिपुर में हिंसा का दौर जारी
- कुकी आदिवासी गांव में कई घंटों तक हुई गोलीबारी
- ITLF ने चुराचांदपुर जिले में तत्काल बंद का किया आह्वान
इंफाल में पुलिस ने कहा कि कुकी आदिवासी बहुल जौपी गांव में कई घंटों तक गोलीबारी हुई, जिसमें खुपमिनथांग हाओकिप की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के विरोध में मणिपुर में आदिवासियों की शीर्ष संस्था, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने चुराचांदपुर जिले में तत्काल बंद का आह्वान किया और अपने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
ITLF नेताओं ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी संगठन के आतंकवादियों ने अत्याधुनिक हथियारों के साथ कांगपोकपी जिले के जौपी गांव पर हमला किया, जिसमें गांव के स्वयंसेवक खुपमिनथांग हाओकिप की मौत हो गई, जो ग्रामीणों द्वारा बनाए गए बंकरों में से एक की रखवाली कर रहा था।
ITLF के एक नेता ने कहा, यह पता चलने पर कि उनके कुछ सदस्य लापता हैं, हमलावर फिर से संगठित हो गए और बिष्णुपुर जिले के नगारियन के पास बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं। शनिवार की घटना 20 नवंबर को कांगपोकपी जिले में एक अज्ञात सशस्त्र समूह द्वारा एक पुलिस कांस्टेबल सहित दो लोगों की हत्या के पांच दिन बाद हुई है।
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