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जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी वह याद आएंगे, PM मोदी ने की Manmohan Singh की प्रशंसा

02:07 PM Feb 08, 2024 IST
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को देश के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के योगदान की सराहना की और कहा कि जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो उनके योगदान को याद किया जाएगा। राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों की विदाई के अवसर पर उच्च सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद सदन की कार्यवाही में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मनमोहन सिंह की सराहना की और उनके दीर्घायु होने की भी कामना की। मनमोहन सिंह सहित उच्च सदन के 68 सदस्य फरवरी से मई महीने के बीच सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

मैं उनका स्मरण करना चाहूंगा- PM

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, इस अवसर पर मैं विशेष रूप से डॉक्टर मनमोहन सिंह का स्मरण करना चाहूंगा। वह छह बार इस सदन के सदस्य रहे। वह अपने मूल्यवान विचारों से सदन की चर्चाओं को समृद्ध करते रहे। सदन के नेता के रूप में तथा प्रतिपक्ष में भी नेता के रूप में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। PM मोदी ने कहा कि वैचारिक मतभेदों के कारण कभी बहस के दौरान छींटाकशी हो जाती है लेकिन वह बहुत अल्पकालीन होता है। उन्होंने कहा, लेकिन इतने लंबे अरसे तक जिस प्रकार से उन्होंने इस सदन का मार्गदर्शन किया है, देश का मार्गदर्शन किया है। वह हमेशा जब भी हमारे लोकतंत्र की चर्चा होगी, कुछ माननीय सदस्यों की चर्चा होगी, उसमें डॉक्टर मनमोहन सिंह के योगदान की चर्चा जरूर होगी।

मनमोहन सिंह के मतदान की PM ने की तारीफ

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो भी सदस्य इस सदन में आता है, वह चाहे किसी भी दल का क्यों न हो, अपने कार्यकाल के दौरान वह अपनी प्रतिभा और व्यवहार के दर्शन जरूर कराता है। उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों के कार्यकाल से मार्गदर्शक के रूप में सीखने का प्रयास होना चाहिए। सदन और विभिन्न समितियों में मतदान के अवसर पर मनमोहन सिंह की भागीदारी को याद करते हुए PM मोदी ने कहा कि वह इन अवसरों पर भी व्हीलचेयर पर आए और लोकतंत्र के प्रति भागीदारी सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि सभी को पता था कि विजय सत्ताधारी पक्ष की होने वाली है लेकिन डॉक्टर मनमोहन सिंह जी व्हीलचेयर में आए और उन्होंने मतदान किया।

वह प्रेरक उदाहरण- PM

उन्होंने कहा, एक सांसद अपने दायित्व के लिए कितना सजग है, उसका वह उदाहरण है। वह प्रेरक उदाहरण हैं। इतना ही नहीं, मैं देख रहा था कि कभी कमेटी सदस्यों के चुनाव हुए तो भी वह व्हीलचेयर में वोट देने आए। सवाल यह नहीं है कि वह किसको ताकत देने के लिए आए थे, मैं मानता हूं वह लोकतंत्र को ताकत देने आए थे। उन्होंने मनमोहन सिंह के दीर्घायु होने की कामना की और कहा कि वह निरंतर हमारा मार्गदर्शन करते रहें और हमें प्रेरणा देते रहें। मनमोहन सिंह देश के चौदहवें प्रधानमंत्री थे। वर्ष 2004 से 2014 तक वह देश के प्रधानमंत्री रहे। मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया जो स्वतंत्र भारत के आर्थिक इतिहास में एक निर्णायक समय था। आर्थिक सुधारों के लिए व्यापक नीति के निर्धारण में उनकी भूमिका की आज भी सराहना होती है।

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