India Population 2025: 1.46 अरब तक पहुंची भारत की जनसंख्या: UNFPA
देश की कुल प्रजनन दर 2.1 से घटकर 1.9 रह गई
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2025 तक 1.46 अरब की जनसंख्या के साथ दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा। हालांकि, प्रजनन दर घटकर 1.9 हो गई है, जिससे जनसंख्या स्थिरता की चुनौती बढ़ गई है। रिपोर्ट में जनसंख्या के आकार से अधिक, लोगों की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के अधिकारों को महत्वपूर्ण बताया गया है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की मंगलवार को जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2025 तक अनुमानित 1.46 अरब लोगों के साथ सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा। हालांकि, देश की कुल प्रजनन दर 2.1 से घटकर 1.9 रह गई है। 2025 विश्व जनसंख्या आंकड़ा (एसओडब्ल्यूपी) रिपोर्ट बताती है कि असली संकट जनसंख्या के आकार में नहीं, बल्कि लोगों के स्वतंत्र और जिम्मेदारी से यह तय करने के अधिकार में आने वाली व्यापक चुनौतियों में है कि वे बच्चे चाहते हैं या नहीं, कब चाहते हैं और कितने बच्चे चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का अनुमान है कि “भारत की वर्तमान जनसंख्या 1,463.9 मिलियन है।”
संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जनसंख्या स्थिति(SOWP) रिपोर्ट 2025 जारी की है। इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि साल 2025 के अंत तक भारत की आबादी 1.46 अरब तक पहुंच सकती है और यह आबादी पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा होगी…
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रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी लगभग 1.5 बिलियन है। यह संख्या गिरने से पहले लगभग 1.7 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है। भारत में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) वर्तमान में प्रति महिला 2.0 बच्चे हैं। इसका मतलब है कि औसतन, भारत में एक महिला से उसके प्रजनन वर्षों (आमतौर पर 15-49 वर्ष की आयु) के दौरान 2 बच्चे की उम्मीद की जाती है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, यह दर 2020 से स्थिर बनी हुई है।
हालांकि, नई रिपोर्ट में दिखाया गया है कि प्रजनन दर घटकर 1.9 बच्चे प्रति महिला हो गई है। इसका मतलब है कि औसतन भारतीय महिलाएं इतने कम बच्चे पैदा कर रही हैं कि यह बिना माइग्रेशन के अगली पीढ़ी में जनसंख्या के आकार को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं है। धीमी जन्म दर के बावजूद, भारत की युवा आबादी महत्वपूर्ण बनी हुई है, जिसमें 0-14 आयु वर्ग में 24 प्रतिशत, 10-19 में 17 प्रतिशत और 10-24 में 26 प्रतिशत हैं। जबकि, 68 प्रतिशत आबादी 15-64 आयु वर्ग की है, बुजुर्ग आबादी (65 और उससे अधिक) सात प्रतिशत है।
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2025 के हिसाब से जन्म के समय जीवन प्रत्याशा पुरुषों के लिए 71 वर्ष और महिलाओं के लिए 74 वर्ष होने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में भारत को मध्यम आय वाले देशों के समूह में रखा गया है, जो तेजी से डेमोग्राफिक बदलाव से गुजर रहा है। यहां जनसंख्या दोगुनी होने का अनुमान अब 79 वर्ष है। यूएनएफपीए भारत प्रतिनिधि एंड्रिया एम. वोजनार ने कहा, “भारत ने प्रजनन दर को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जो 1970 में प्रति महिला लगभग पांच बच्चों से आज लगभग दो बच्चों तक हो गई है। यह बेहतर शिक्षा और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच के कारण हुआ है।”