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वैश्विक नवप्रवर्तन सूचकांक में भारत ने लगाई 5 पायदान की छलांग, 52वें स्थान पर पहुंचा

वैश्विक नवप्रवर्तन सूचकांक 2019 में भारत पांच पायदान ऊपर चढ़कर 52वें स्थान पर पहुंच गया है। इस सूचकांक में पिछले साल भारत का स्थान 57वां था।

02:59 PM Jul 24, 2019 IST | Shera Rajput

वैश्विक नवप्रवर्तन सूचकांक 2019 में भारत पांच पायदान ऊपर चढ़कर 52वें स्थान पर पहुंच गया है। इस सूचकांक में पिछले साल भारत का स्थान 57वां था।

वैश्विक नवप्रवर्तन सूचकांक 2019 में भारत पांच पायदान ऊपर चढ़कर 52वें स्थान पर पहुंच गया है। इस सूचकांक में पिछले साल भारत का स्थान 57वां था।
बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत का आईटी सेवाओं के शीर्ष निर्यातक का दर्जा कायम है। वैश्विक नवप्रवर्तन सूचकांक (जीआईआई), 2019 के अनुसार देश के तीन शहर बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली दुनिया के शीर्ष 100 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्रों में शामिल हैं। 
जीआईआई ने इसके 12वें संस्करण में 80 संकेतकों के आधार पर 129 अर्थव्यवस्थाओं को रैंकिंग दी है। इन संकेतकों में बौद्धिक संपदा के लिए आवेदन जमा कराने की दर से लेकर मोबाइल एप का सृजन, शिक्षा पर खर्च तथा वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रकाशन आते हैं। 
इस सूचकांक में स्विट्जरलैंड पहले स्थान पर कायम है। सूचकांक में शामिल शीर्ष दस देश….. स्वीडन, अमेरिका, नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, जर्मनी और इस्राइल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को यहां वैश्विक नवप्रवर्तन सूचकांक (जीआईआई) की रैंकिंग जारी की। 
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां वैश्विक नवप्रवर्तन सूचकांक (जीआईआई) रैंकिंग जारी की। 
गोयल ने कहा कि सरकार इस रैंकिंग में और सुधार को प्रतिबद्ध है क्योंकि नवप्रवर्तन देश की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जब तक शीर्ष 25 और उसके बाद शीर्ष 10 की रैंकिंग हासिल करने तक हम आराम से नहीं बैठेंगे।’’ 
भारत ने ज्यादातर मोर्चों मसलन श्रम उत्पादकता वृद्धि, ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़ी चीजों में अपनी स्थिति सुधारी है। इसके अलावा संस्थानों, मानव पूंजी और शोध तथा बाजार विशेषज्ञता के मामले में भी भारत की स्थिति सुधरी है। मध्य और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भारत शीर्ष स्थान पर कायम है। 
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि सरकार अपनी बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) व्यवस्था में सुधार के लिए काम कर रही है। 
अभिषेक ने कहा, ‘‘हम श्रमबल बढ़ा रहे हैं, प्रक्रियाओं को सुगम कर रहे हैं और एप्लिकेशंस की समीक्षा में लगने वाले समय को उल्लेखनीय रूप से कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’ 
जीआईआई रैंकिंग वार्षिक आधार पर कॉरनेल विश्वविद्यालय इनसीड और संयुक्त राष्ट्र विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) तथा जीआईआई ज्ञान भागीदारों द्वारा प्रकाशित की जाती है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) 2009 से जीआईआई का ज्ञान भागीदार है। 
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डब्ल्यूआईपीओ के महानिदेशक फ्रांसिस गुरी ने कहा कि जीआईआई से पता चलता है कि अपनी नीतियों में नवप्रवर्तन को प्राथमिकता देने वाले देशों की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि में सुस्ती के बावजूद नवप्रवर्तन तेजी से आगे बढ़ रहा है, विशेषरूप से एशिया में। हालांकि, व्यापार बाधाओं और संरक्षणवाद का दबाव भी है। इसमें कहा गया है कि ज्यादातर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र अमेरिका, चीन और जर्मनी में हैं। हालांकि, शीर्ष 100 की सूची में ब्राजील, भारत, ईरान, रूस और तुर्की भी शामिल हैं। 
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