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Mohammad Zubair case : जुबैर मामले में जर्मनी की आलोचना को भारत ने किया खारिज

भारत ने तथ्यों की पड़ताल करने वाले मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता सर्वविदित है और ‘तथ्यों को जाने बिना’ की गई टिप्पणियां अनुपयोगी होती हैं और इनसे बचना चाहिए।

12:05 AM Jul 08, 2022 IST | Shera Rajput

भारत ने तथ्यों की पड़ताल करने वाले मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता सर्वविदित है और ‘तथ्यों को जाने बिना’ की गई टिप्पणियां अनुपयोगी होती हैं और इनसे बचना चाहिए।

mohammad zubair case   जुबैर मामले में जर्मनी की आलोचना को भारत ने किया खारिज
भारत ने तथ्यों की पड़ताल करने वाले मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता सर्वविदित है और ‘तथ्यों को जाने बिना’ की गई टिप्पणियां ‘अनुपयोगी’ होती हैं और इनसे बचना चाहिए।
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जर्मनी के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को ज़ुबैर के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के संदर्भ में कहा था कि पत्रकार जो कहते हैं और लिखते हैं, उसके लिए उन्हें सताया नहीं जाना चाहिए और जेल में बंद नहीं करना चाहिए। इसी पर बृहस्पतिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रतिक्रिया दी।
बागची ने कहा, “ यह अपने आप में आंतरिक मुद्दा है। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि मामले में न्यायिक प्रक्रिया चल रही है और मैं नहीं समझता कि यह मेरे लिए या किसी अन्य के लिए उस मामले पर टिप्पणी करना उचित होगा जो अदालत में लंबित है।”
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे ख्याल से हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता सर्वविदित है और तथ्यों को जाने बिना की गई टिप्पणियां अनुपयोगी होती है और इनसे बचा जाना चाहिए।”
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मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बागची से जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछी गई थी।
जर्मनी के अधिकारी ने कहा कि किसी भी समाज के लिए स्वतंत्र रिपोर्टिंग फायदेमंद है और इसपर पाबंदी लगाना चिंता का विषय है।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “ पत्रकार जो कहते हैं और लिखते हैं, उसके लिए उन्हें सताया नहीं जाना चाहिए और जेल में बंद नहीं करना चाहिए। हम इस मामले से वाकिफ हैं और नई दिल्ली में हमारा दूतावास इस पर करीब से निगाह रख रहा है।”
उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ का भारत के साथ मानवाधिकार को लेकर संवाद है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता उन चर्चाओं का केंद्र बिंदु है।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “ भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है। इसलिए लोग उम्मीद कर सकते हैं कि अभिव्यक्ति की आज़ादी और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों को वहां जरूरी स्थान दिया जाएगा।”
तथ्यों की पड़ताल करने वाली वेबसाइट ‘ऑल्ट न्यूज़’ के सह संस्थापक ज़ुबैर को पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने 2018 के ‘आपत्तिजनक ट्वीट’ को लेकर गिरफ्तार किया था।
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