India Russia meetings: भारत–रूस का व्यापार सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम, जानिए! दोनों देशों ने किस समझौते पर किए हस्ताक्षर?
India Russia meetings: भारत और रूस के सीमा-शुल्क अधिकारियों ने गुरुवार को माल और वाहनों की आवाजाही से जुड़ी आगमन-पूर्व सूचना (Pre-Arrival Information) के आदान-प्रदान पर सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार प्रक्रियाओं को तेज, सुरक्षित और अधिक पारदर्शी बनाएगा।
23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन से पहले हुआ हस्ताक्षर
दिल्ली में आयोजित 23वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन से ठीक पहले इस MoU पर हस्ताक्षर किए गए।
भारत की ओर से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड (CBIC) के चेयरमैन विवेक चतुर्वेदी
रूस की ओर से रूसी संघीय सीमा-शुल्क सेवा (FCS) की उप प्रमुख तातियाना मर्कुशोवा
ने समझौते पर दस्तखत किए।
आगमन-पूर्व सूचना ((Pre-Arrival Information)) से क्या होगा फायदा?
इस व्यवस्था के तहत दोनों देशों के सीमा शुल्क विभाग माल और वाहनों की जानकारी अग्रिम रूप से साझा करेंगे। इससे—
- जोखिम आकलन (Risk Assessment) आसान होगा
- सीमा-शुल्क प्रक्रिया तेज होगी
- सीमा पर माल की सुरक्षित और त्वरित निकासी सुनिश्चित होगी
सीबीआईसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा:
“इससे व्यापार सुविधा मजबूत होगी और सीमापार आवागमन में सुरक्षा, पारदर्शिता एवं दक्षता बढ़ेगी।”
कृषि क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा
भारत और रूस ने कृषि के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर भी व्यापक चर्चा की।
शिवराज सिंह चौहान और रूसी कृषि मंत्री की मुलाकात
भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में रूस की कृषि मंत्री ओक्साना लुट से मुलाकात की।
चौहान ने कहा—
“हमने आधुनिक खेती, नवाचार, अनुसंधान आदान-प्रदान और सतत कृषि विकास के अवसरों पर विस्तृत बातचीत की।”
मत्स्य, पशु एवं दुग्ध उत्पादों पर भी फोकस
भारत के मत्स्यपालन, पशुपालन एवं दुग्ध मंत्री राजीव रंजन सिंह ने भी रूस की कृषि मंत्री से मुलाकात की।
आधिकारिक बयान के अनुसार बैठक में—
- मत्स्य पालन
- पशु एवं दुग्ध उत्पाद
- बाजार पहुंच संबंधी मुद्दे
- निर्यात बढ़ाने के प्रयास पर चर्चा की गई।
मोदी–पुतिन मुलाकात की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण बैठकें
ये सभी बैठकें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात से ठीक पहले हुईं।
पुतिन गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर 23वें भारत–रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे।
यह उनकी चार वर्षों में पहली भारत यात्रा है।

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