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भारत-रूस संबंधों में नई मजबूती: 2030 तक 100 बिलियन डॉलर व्यापार का रखा लक्ष्य; ऊर्जा, रक्षा और व्यापार पर लिए बड़े फैसले

11:53 PM Dec 05, 2025 IST | Shera Rajput
India-Russia Summit 2025

India-Russia Summit 2025:  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान नई दिल्ली में हुए 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की इस अहम मुलाकात में व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, निवेश और तकनीक से जुड़े कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई और विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। दोनों नेताओं ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया।

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2030 तक 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य

दोनों नेताओं ने संतुलित और टिकाऊ तरीके से व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया। भारत से रूस को निर्यात में वृद्धि, औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने और हाई-टेक क्षेत्रों में नई तकनीकी साझेदारियां विकसित करने पर सहमति बनी। इसमें कार्यक्रम 2030 के तहत भारत-रूस आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्रों के विकास पर भी ध्यान दिया गया।

मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर तेज प्रयास

भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) के बीच वस्तुओं पर एक मुक्त व्यापार समझौते पर तेजी से बातचीत जारी है। दोनों पक्षों ने निवेश संरक्षण और संवर्धन समझौते पर वार्ताओं को भी गति देने का निर्देश दिया।

व्यापार और तकनीकी सहयोग की समीक्षा

भारत-रूस इंटर-गवर्नमेंटल कमिशन (IRIGC-TEC) की 25वीं और 26वीं बैठकों तथा नई दिल्ली (नवंबर 2024) और मॉस्को (अगस्त 2025) में आयोजित व्यापार मंच के परिणामों की सराहना की गई। दोनों देशों ने WTO आधारित एक पारदर्शी और समावेशी बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था पर जोर दिया।

लॉजिस्टिक्स और भुगतान प्रणाली को सुगम बनाने पर सहमति

दोनों पक्षों ने विश्व व्यापार संगठन को केंद्र में रखते हुए एक खुली, समावेशी, पारदर्शी और भेदभाव रहित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के महत्व को रेखांकित किया। दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि टैरिफ और गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं का समाधान, लॉजिस्टिक में आने वाली बाधाओं को दूर करना, संपर्क को बढ़ावा देना, सुचारू भुगतान व्यवस्था सुनिश्चित करना, बीमा और पुनर्बीमा के मुद्दों के लिए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजना और दोनों देशों के व्यवसायों के बीच नियमित संपर्क, 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के संशोधित द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने को लेकर प्रमुख घटकों में से हैं।

रूस और भारत द्विपक्षीय व्यापार के निर्बाध रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं के इस्‍तेमाल के माध्यम से द्विपक्षीय निपटान प्रणालियों को संयुक्त रूप से विकसित करने पर सहमत हुए। इसके अतिरिक्त, दोनों पक्षों ने राष्ट्रीय भुगतान प्रणालियों, वित्तीय संदेश प्रणालियों और केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा प्लेटफार्मों की अंतर-संचालनीयता को सक्षम करने पर अपने परामर्श जारी रखने को लेकर सहमति व्यक्त की है।

कृषि और उर्वरक क्षेत्र में सहयोग

दोनों पक्षों ने भारत को उर्वरकों की दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत किया और इस क्षेत्र में संयुक्त उद्यमों की स्थापना की संभावना पर चर्चा की।

कुशल श्रमिकों की गतिशीलता पर समझौते

दोनों देशों ने कुशल श्रमिकों की मूवमेंट से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिससे रोजगार और प्रशिक्षण के नए अवसर खुलेंगे।

महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंचों में भारत की भागीदारी

रूसी पक्ष ने सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकनॉमिक फोरम (जून 2025) और ईस्‍टर्न इकनॉमिक फोरम (सितंबर 2025) में भारतीय प्रतिनिधिमंडलों की भागीदारी का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार, आर्थिक और निवेश सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इन आर्थिक मंचों के दौरान आयोजित भारत-रूस व्यापार वार्ता के योगदान का जिक्र किया।

ऊर्जा, धातु और खनिज संसाधनों पर गहरा सहयोग

दोनों नेताओं ने ऊर्जा स्रोतों, कीमती पत्थरों और धातुओं सहित खनिज संसाधनों में उत्पादक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद द्विपक्षीय व्यापार के महत्व के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं की विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल के महत्व को भी नोट किया। इस क्षेत्र में रूस और भारत द्वारा संप्रभु राज्यों के रूप में किया गया कुशल सहयोग उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक कल्याण का एक महत्वपूर्ण घटक है।

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