W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

भारत की ताकत का एहसास

नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में भारत की छवि लगातार बदलती जा रही है। दुनिया को तो भारत की शक्ति का एहसास हो ही चुका है, साथ ही देशवासियों को भी भारतीय होने का गौरव महसूस होने लगा है।

01:11 AM Nov 09, 2022 IST | Aditya Chopra

नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में भारत की छवि लगातार बदलती जा रही है। दुनिया को तो भारत की शक्ति का एहसास हो ही चुका है, साथ ही देशवासियों को भी भारतीय होने का गौरव महसूस होने लगा है।

भारत की ताकत का एहसास
Advertisement
नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में भारत की छवि लगातार बदलती जा रही है। दुनिया को तो भारत की शक्ति का एहसास हो ही चुका है, साथ ही देशवासियों को भी भारतीय होने का गौरव महसूस होने लगा है। भारत एक दिसम्बर को इंडोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। जी-20 का शिखर सम्मेलन 15-16 नवम्बर को इंडोनेशिया के बाली में किया जा रहा है। जी-20 यानि 20 देशों का समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और ​विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच है। प्रधानमंत्री ने आज भारत की जी-20 अध्यक्षता के लोगों, थीम और वेबसाइट का अनावरण कर दिया है। अध्यक्षता के दौरान भारत देशभर में 32 विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लगभग 200 बैठकें आयोजित करेगा और अगले साल भारत अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयो​िजत करेगा। जी-20 अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 फीसदी, वैश्विक बाजार का 75 फीसदी से अधिक और दुनिया की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व कर रहा है। आज पूरी दुनिया भारत के महत्व को समझती है। दुनिया जानती है कि भारत जो कहता है वह करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित  बनाने का लक्ष्य रखा हुआ है। नरेन्द्र मोदी सरकार के अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर तेवर दुनिया देख रही है। इसकी वजह नीतियों में स्पष्टता और पारदर्शिता है। यही कारण है कि अब भारत में दुनिया के कई देश बेझिझक कारोबार के अवसर तलाश रहे हैं। भारत के सामने कई चुनौतियां हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनियाभर में ऊर्जा और खाद्य संकट खड़ा हो चुका है। दुनिया के तमाम देशों पर मंदी का साया मंडरा रहा है। अमेरिका, ब्रिटेेन आैर चीन भी हांफ रहे हैं। दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का भी यही हाल है। कारोबार और व्यापार की चुनौतियों के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन का संकट भी काफी बड़ा होता जा रहा है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर है और पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर लगी हुई हैं। दुनिया उम्मीद कर रही है कि अगर कोई देश उसे मंदी में जाने से बचा सकता है तो वह सिर्फ भारत ही है। भारत दुनिया की ग्रोथ का इंजन बनने की ताकत रखने लगा है। रूस-यूक्रेन युद्ध मसले पर भारत किसी भी खेमे में शामिल नहीं हुआ, बल्कि उसने अमेरिका के दबाव में आए बिना रूस से सस्ता तेल खरीदा क्योंकि भारत को अपनी जनता के हित पहले देखने हैं। अमेरिका और उसके मित्र देश रूस पर प्रतिबंधों का खामियाजा भुगत रहे हैं।
Advertisement
परम्परा रही है कि जी-20 की अध्यक्षता करने वाला देश सदस्यों के अलावा कुछ अतिथि देशों और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को समूह की बैठकों और शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करता है। इसके तहत भारत अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के अलावा बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, आेमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित करेगा। यानी वह अपने अंदाज में इसे आयोजित करेगा।
Advertisement
20-जी शिखर सम्मेलन की मेजबानी दुनिया में भारत के बढ़ते रुतबे की निशानी है। वह अपनी धमक से सबका ध्यान खींच रहा है। हाल ही में ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए उसने दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जगह बना ली है। अब वह सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से पीछे है। भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, 2029 तक वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। 2027 तक उसके जर्मनी और 2029 तक जापान से आगे निकल जाने का अनुमान है।
Advertisement
एक तरफ भारत के सामने जी-20 के लक्ष्यों को हासिल करने की चुनौती होगी, तो दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने के​ लिए क्या पहल होगी? इस पर सभी की निगाहें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर टिकी हुई हैं। भारत शुुरू से ही दोनों देशों से बातचीत के जरिये समाधान निकालने की पैरवी करता आया है। जी-20 के मुद्दों में समावेशी, न्यायसंगत और सत्तत विकास, पर्यावरण के लिए जीवन शैली, डिजिटल बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य एवं कृषि से जुड़े विषय शामिल हैं। इनके अलावा खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, हरित ऊर्जा, वाणिज्य कौशल की पहचान और आर्थिक अपराधों के खिलाफ लड़ाई शामिल है। भारत स्वच्छ ऊर्जा की ओर बहुत ध्यान दे रहा है। भारत उन देशों में है जो बहुत तेज गति से इलैक्ट्रिक वाहनों को अपना रहा है और इस दिशा में निवेश कर रहा है। भारत और फ्रांस के नेतृत्व में 100 से अधिक देशों का गठबंधन भी सक्रिय है। भारत और सऊदी अरब भी स्वच्छ ऊर्जा को लेकर सहयोग कर रहे हैं। आज दुनिया जिस ऊर्जा और पर्यावरण संकट से गुजर रही है, उसकी काट सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा ही है। जी-20 के अलावा अगर हम ​ब्रिक्स की बात करें, तो पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं भारत, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के नेतृत्व वाले इस संगठन ने दुनिया में अपना प्रभाव बहुत तेजी से बढ़ा लिया है। अमेरिका को भी ​ब्रिक्स से बड़ा झटका लग रहा है। ​ब्रिक्स के सदस्य देश पश्चिमी ढांचे से अलग आर्थिक और व्यापारिक तंत्र बना रहे हैं। यही कारण है कि ईरान, अर्जेंटीना, मिस्र, सऊदी अरब और नाटो का सदस्य देश तुर्की भी इस समूह में शामिल होने का इच्छुक है। सऊदी अरब और भारत के बीच संबंध मधुर हैं। दोनों देश तेल-गैस के व्यापार के अलावा रणनीतिक भागेदारी और प्रवासी कामगारों को लेकर भी करीब से जुड़े हैं। ऐसे में सऊदी अरब का ​ब्रिक्स में शामिल होना भारत के हित में होगा। कहते हैं दुनिया झुकती है, झुकाने वाला चाहिए। भारत ने दुनिया को अपना दम दिखा दिया है।
Author Image

Aditya Chopra

View all posts

Aditya Chopra is well known for his phenomenal viral articles.

Advertisement
Advertisement
×