W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

भारत-स्वीडन ने संबंधों को गहरा करने का संकल्प जताया, लोफवेन ने 'लोकतांत्रिक महाशक्ति' करार दिया

भारत और स्वीडन ने शुक्रवार को स्मार्ट एवं वहनीय शहर, स्मार्ट ग्रिड, ई-मोबिलिटी, अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन प्रणाली, हरित प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति व्यक्त की।

11:40 PM Mar 05, 2021 IST | Shera Rajput

भारत और स्वीडन ने शुक्रवार को स्मार्ट एवं वहनीय शहर, स्मार्ट ग्रिड, ई-मोबिलिटी, अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन प्रणाली, हरित प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति व्यक्त की।

भारत स्वीडन ने संबंधों को गहरा करने का संकल्प जताया  लोफवेन ने  लोकतांत्रिक महाशक्ति  करार दिया
भारत और स्वीडन ने शुक्रवार को स्मार्ट एवं वहनीय शहर, स्मार्ट ग्रिड, ई-मोबिलिटी, अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन प्रणाली, हरित प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति व्यक्त की। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ डिजिटल माध्यम से आयोजित शिखर सम्मेलन में लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून का राज, समानता, स्वतंत्रता और न्याय को भारत और स्वीडन के बीच संबंधों की मजबूती का आधार बताया। 
मोदी ने कहा कि दोनों देश स्मार्ट सिटी, स्मार्ट ग्रिड, ई-मोबिलिटी और अपशिष्ट प्रबंधन समेत कई अन्य क्षेत्रों में अपने संबंधों को और प्रगाढ़ बना सकते हैं। 
वहीं, प्रधानमंत्री लोफवेन ने भारत को ”लोकतांत्रिक महाशक्ति” करार देते हुए सराहना की। 
लोफवेन ने स्वीडन के अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में शामिल होने की घोषणा की, जिसका प्रधानमंत्री मोदी ने स्वागत किया। 
मोदी ने कहा कि स्वच्छ एवं नवीकरणीय प्रौद्योगिकी में स्वीडन की विशेषज्ञता और अनुभव आईएसए के लिए महत्वपूर्ण योगदान साबित होगा। 
लोफवेन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ ”लोकतांत्रिक महाशक्ति” हैं।
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, उन्होंने रेखांकित किया कि भारत और स्वीडन के बीच लंबे समय से जारी प्रगाढ़ संबंध लोकतंत्र के साझा मूल्यों, कानून के शासन, बहुलवाद, समानता, बोलने की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के सम्मान पर आधारित हैं। 
दोनों प्रधानमंत्रियों ने बहुपक्षवाद और शांति एवं सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। 
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और स्वीडन के प्रधानमंत्री लोफवेन ने रक्षा क्षेत्र को दोनों देशों के बीच सहयोग का महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया । 
प्रधानमंत्री ने स्वीडन की रक्षा कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया कार्यक्रम’ में हिस्सा लेने खास तौर पर तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में दो रक्षा उत्पादन कारिडोर में हिस्सा लेने के लिये आमंत्रित किया । 
संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों प्रधानमंत्रियों ने जोधपुर एम्स में स्वीडन-भारत स्वास्थ्य हब स्थापित करने का स्वागत किया । 
दोनों नेताओं ने नवोन्मेष सहयोग, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, करोबार एवं निवेश सहित अनुसंधान एवं विकास को सहयोग का महत्वपूर्ण क्षेत्र माना । 
मोदी ने कहा कि भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को ना सिर्फ हासिल करेगा बल्कि उससे अधिक हासिल करेगा। 
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी दोनों देश साझेदारी को बढ़ा सकते है। 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून का शासन, समानता, स्वतंत्रता और न्याय जैसे साझा मूल्य भारत और स्वीडन के बीच संबंधों और आपसी सहयोग को मजबूत करते हैं और हम नवोन्मेष, प्रौद्योगिकी, निवेश, स्टार्ट-अप, अनुसंधान में दोनों देशों के रिश्तों को और आगे बढ़ा सकते हैं।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘स्मार्ट सिटी, जल शोधन, अपशिष्ट प्रबंधन, ‘सर्कुलर इकोनॉमी’, स्मार्ट ग्रिड, ई-मोबिलिटी,डिजिटल कायाकल्प समेत कई क्षेत्रों में हमारे संबंध और प्रगाढ़ हो सकते हैं।’’ 
ज्ञात हो कि भारत और स्‍वीडन के बीच व्‍यापार, निवेश, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में घनिष्‍ठ सहयोग संबंध हैं। 
स्‍वीडन की करीब 250 कंपनियां विभिन्‍न क्षेत्रों में भारत में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इनमें स्‍वास्‍थ्‍य और जीवन विज्ञान, स्‍वच्‍छ प्रौद्योगिकी, रक्षा, भारी मशीनरी और उपकरण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। स्‍वीडन में भी करीब 75 भारतीय कंपनियां सक्रिय हैं। 
वार्ता के दौरान मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का महत्वपूर्ण मुद्दा दोनों देशों की प्राथमिकता में शामिल है और दोनों देश इस पर मिलकर काम कर सकते हैं। 
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की संस्कृति ने हमेशा प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने के महत्व पर जोर दिया है। हम पेरिस समझौते के तहत की गई अपनी प्रतिबद्धताओं पर आगे बढ़ रहे हैं।’’ 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम न केवल इन लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे, बल्कि उनसे अधिक भी प्राप्त करेंगे। भारत ने जी 20 देशों के बीच, अपने लक्ष्यों पर अच्छी प्रगति की है। पिछले पांच वर्षों में, हमारी अक्षय ऊर्जा क्षमता में 162 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।’’ 
मोदी ने पिछले दिनों स्वीडन में हुए हिंसक हमलों की निंदा की और सभी भारतीय नागरिकों की ओर से वहां के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की। 
मोदी ने कहा कि कोविड-19 के समय सभी को क्षेत्रीय व वैश्विक स्तर पर सहयोग के महत्व का अंदाजा लगा। उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी के दौरान 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराया। 
उन्होंने कहा, ‘‘हमने लगभग 50 देशों को भारत में निर्मित कोविड-19 टीके की आपूर्ति की और आगामी दिनों में कई और देशों को टीके की खेप भेजी जाएगी।’’
Advertisement
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×