भारत-वियतनाम ने तीसरी सुरक्षा वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाया
भारत-वियतनाम ने गुरुवार को हा नोई में तीसरी भारत-वियतनाम सुरक्षा वार्ता की।
हा नोई में तीसरी भारत-वियतनाम सुरक्षा वार्ता हुई
भारत और वियतनाम ने गुरुवार को वियतनाम के हा नोई में तीसरी भारत-वियतनाम सुरक्षा वार्ता की। इस वार्ता में वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ, साथ ही आतंकवाद का मुकाबला करने, संगठित अपराध का मुकाबला करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सूचना साझा करने जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “तीसरी भारत-वियतनाम सुरक्षा वार्ता की सह-अध्यक्षता 05 दिसंबर 2024 को वियतनाम के हा नोई में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री पवन कपूर और सार्वजनिक सुरक्षा उप मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल फाम द तुंग ने की।” दोनों पक्षों ने वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा और भारत-वियतनाम व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए कार्य योजना के पहलुओं के कार्यान्वयन पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
दोनों पक्षों ने सूचना साझा करने की बात की
दोनों पक्षों ने आतंकवाद का मुकाबला करने, संगठित अपराध का मुकाबला करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सूचना साझा करने जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की। उन्होंने साइबर अपराध सहित सुरक्षा और उभरती प्रौद्योगिकियों के आर्थिक आयामों पर सहयोग को गहरा करने पर भी सहमति व्यक्त की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना सहित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यात्रा के दौरान, उप NSA कपूर ने सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री जनरल लुओंग टैम क्वांग और उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री बुई थान सोन से मुलाकात की।
दोनों की स्वतंत्रता के लिए ऐतिहासिक जड़ें हैं
उल्लेखनीय है कि द्विपक्षीय सुरक्षा वार्ता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और वियतनाम के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के बीच सहयोग के लिए 2016 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के तहत द्विवार्षिक रूप से आयोजित की जाती है। अगली वार्ता भारत में आयोजित की जाएगी। भारत और वियतनाम, जिनकी स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय संघर्ष में ऐतिहासिक जड़ें हैं, पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं।
जानिए विदेश मंत्रालय ने क्या कहा ?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत वियतनाम में शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए 1954 के जिनेवा समझौते के अनुसरण में गठित पर्यवेक्षण और नियंत्रण के लिए अंतर्राष्ट्रीय आयोग का अध्यक्ष था। भारत ने शुरू में तत्कालीन उत्तरी वियतनाम और दक्षिण वियतनाम के साथ वाणिज्य दूतावास स्तर के संबंध बनाए रखे और बाद में 7 जनवरी, 1972 को एकीकृत वियतनाम के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए। जुलाई 2007 में वियतनाम के प्रधान मंत्री गुयेन तान डुंग की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ा दिया गया।
[एजेंसी]