भविष्य के ऊर्जा स्रोत के रूप भारत हाइड्रोजन आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत बनाएगा: धर्मेन्द्र प्रधान
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत कार्बन मुक्त ईंधन हाइड्रोजन उत्पादन में तेजी लाने पर गौर कर रहा है और इसके लिये इस ईंधन आपूर्ति व्यवस्था से संबद्ध ढांचागत सुविधाओं को मजबूत बनाएगा।
07:37 PM Apr 15, 2021 IST | Ujjwal Jain
Advertisement
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत कार्बन मुक्त ईंधन हाइड्रोजन उत्पादन में तेजी लाने पर गौर कर रहा है और इसके लिये इस ईंधन आपूर्ति व्यवस्था से संबद्ध ढांचागत सुविधाओं को मजबूत बनाएगा।
Advertisement
उन्होंने कहा, ‘‘हाइड्रोजन में भविष्य के ऊर्जा स्रोत के रूप में उभरने की बड़ी संभावना है। इस ईंधन को लेकर उत्साह का कारण सरल है। हम इसका उपयोग ईंधन सेल में या फिर ऊष्मा पैदा करने में कर सकते हैं। लेकिन जहां भी जीवाश्म ईंधन (कोयला और पेट्रोल) की जगह हाइड्रोजन का उपयोग होगा, इससे वैश्विक तापमान में वृद्धि की गति धीमी होगी।’’
Advertisement
कार्बन मुक्त हाइड्रोजन का उत्पादन प्राकृतिक गैस या कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन से इलेक्ट्रिसिटी करंट का उपयोग कर पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित कर किया जा सकता है। अत: हाइड्रोजन को परिवहन ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, हाइड्रोजन आपूर्ति और वितरण को लेकर भारत में चुनौतियां हैं। इसमें उच्च उत्पादन लागत और संबंधित ढांचागत सुविधाओं की जरूरत शामिल हैं।
Advertisement
हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था पर गोलमेज बैठक में प्रधान ने कहा कि सरकार देश में हाइड्रोजन आपूर्ति श्रृंखला बुनियादी ढांचा को मजबूत बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। इसमें इसे एसटीएटी (किफायती परिवहन के लिये सतत विकल्प) से जोड़ना शामिल हैं। एसटीएटी में नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट और कृषि अवशेषों का उपयोग कर कॉम्प्रेस्ड बॉयोगैस का उत्पादन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि ‘ब्ल्यू हाइड्रोजन (जीवाश्म ईंधन से) और हरित हाइड्रोजन (नवीकरणीय ऊर्जा से) के उत्पादन को लेकर पायलट आधार पर परियोजनाओं पर काम जारी है। प्रधान ने कहा कि परिवहन ईंधन और रिफाइनरी में औद्योगिक कच्चे माल के रूप में उपयोग को लेकर हाइड्रोजन को सीएनजी (कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) के साथ मिलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 50 बसें हाइड्रोजन मिश्रित सीएनजी से चलाई जा रही हैं। आने वाले समय में देश के प्रमुख शहरों में इसे बढ़ावा दिये जाने की हमारी योजना है। मंत्री ने कहा कि देश के ऊर्जा में हाइड्रोजन के बड़े स्तर पर उपयोग को लेकर विभिन्न कदम उठाये जा रहे हैं। इसमें देश में हाइड्रोजन को लेकर रूपरेखा तैयार करने को लेकर हाल में बजट में घोषित राष्ट्रीय हइड्रोजन मिशन शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हाइड्रोजन परिवहन की लागत में कमी लाने के लिये व्यापक स्तर पर सीएनजी पाइपलाइन ढांचागत सुविधा के उपयोग को लेकर प्रयास किये जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत पर्यावरण और जलवायु संबंधित चुनौतियों से निपटने को लेकर प्रतिबद्ध है। इसी के तहत नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता उपायों पर जोर दिया जा रहा है। भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पिछले छह साल में 32,000 मेगावाट से बढ़कर करीब 1,00,000 मेगावाट हो गयी है।

Join Channel