ऑपरेशन सिंदूर वाला भारत
पहलगाम हमले के बाद सभी कह रहे थे कि केंद्र की मोदी सरकार किस बात
पहलगाम हमले के बाद सभी कह रहे थे कि केंद्र की मोदी सरकार किस बात का इंतजार कर रही है? लेकिन इन तमाम बातों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने जो 14 दिन बाद आक्रमण किया। इस देरी को समझने के लिए हमें भारतीय पारंपरिक सांस्कृतिक परंपरा पर ध्यान देना होगा जिसके अनुसार 13 दिन तो मृतक आत्माओं की शांति के लिए किसी के भी घर में कहीं कुछ नहीं होता है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी ने भारत की प्राचीन पितर प्रार्थना परंपरा के मद्देनजर ठीक 14 दिन बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में अटैक किया। बाद में लोगों ने इस हमले की भी नाकामी का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी को कोसने लगे।
यह भारत बनाम पाकिस्तान नहीं था। यह भारत बनाम पाकिस्तान, चीन, तुर्की, अमेरिकी डीप स्टेट, भारत के अंदरूनी शत्रु, बंगलादेश की सहायक भूमिका में था। इनका मक़सद भारत के साथ वही करना था, जो यूक्रेन ने रूस के साथ किया। यूक्रेन ने अपने और अमेरिका व तुर्की के ड्रोन का उपयोग कर काला सागर में रूस के नौसैनिक अड्डों को तबाह कर दिया और तीन वर्षों तक युद्ध को खींचा। इसमें अमेरिका, यूके पाकिस्तान, तुर्की और नाटो पूरी तरह सक्रिय थे।
रूस हर दिन जीत रहा था, पर इसकी कीमत लगातार बढ़ती जा रही थी। यूके जो खुद आर्थिक संकट में है, इस युद्ध में फंडिंग कर रहा था। रूसी युवा मर रहे थे, जबकि यूक्रेन की जनता को क्रूर युद्ध की भट्टी में झोंका गया, शायद सौ साल पीछे धकेल दिया गया। यही योजना भारत के लिए थी। अमेरिकी डीप स्टेट का भी यही एजेंडा था और बंगलादेश को भी इसी उद्देश्य से प्रयोग किया गया।
पाकिस्तान अब एक बीमार योद्धा की तरह है। जिससे तलवारबाज़ी करना मूर्खता है। अब वह खुद ही भीतर से फटेगा। यही भारत का लक्ष्य होना चाहिए लेकिन यह हमारा लक्ष्य नहीं होना चाहिए कि हम पाकिस्तान में घुसकर अपने जवानों को खोएं। पाकिस्तानी तो खुद ही आत्मघाती हमले करके खुद को मिटा लेंगे।
पाकिस्तान के पास अब कोई प्रभावशाली एयरबेस तक नहीं बचा। अब समय है नग्न को निचोड़ने का हर तरीके से। अगर वह युद्ध से मरना चाहते हैं, तो हम देंगे, वरना हमारे पास और भी मानवीय विकल्प हैं। पाकिस्तान खुद ही रोएगा टूटने के लिए। यह आतंकिस्तान है। जो यह शांति नहीं पचा सकता। देश और दुनिया के बीच लोग अनजाने में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ताने सुना रहे हों लेकिन इन दोनों महानुभावों के नेतृत्व तले चला ऑपरेशन सिंदूर हमें आतंक के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। युद्ध विराम के बाद भारत की पाक को चेतावनी बता रही है कि इस नए भारत को कोई हल्के में नहीं ले। स्वयं यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि निसंदेह ये युग युद्ध का नहीं है लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। हमारे बेहद कर्मठ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी चेतावनी दी है कि पाकिस्तान के आतंकवाद पर हम घुसकर करारे प्रहार करते रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अनुसार जब कभी भी आतंकवाद पर पाकिस्तान से बात होगी तो वो पाक अधिकृत कश्मीर की सरज़मीं पर ही होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश काल वातावरण के मद्देनजर हमने जो भी कदम उठाए वह समूची मानवता के लिए भविष्य में कल्याणकारी सिद्ध होगा। मोदी के मंतव्य के अनुसार इतिहास गवाह है कि भारत ने पहले से किसी पर आक्रमण नहीं किया लेकिन अब ये जो नया भारत है वो अपने दुश्मनों की कोई भी हरक़त का बिल्कुल माकूल ज़वाब देने की पूरी क्षमता भी रखता है। यदि हमारे राफेल को 15-20 घंटे और मिल जाते तो पाकिस्तान घुटनों के बल रेंगने लायक भी नहीं रहता। सरगोधा के परमाणु ठिकाने हिट होने के बाद ही पाक मिमियाने लगा था कि अमेरिका तुरंत सामने आ गया। युद्ध में पाकिस्तान का न्यूक्लियर कवच ध्वस्त हो गया है। उसके 11 एयरबेस और 9 आतंकी अड्डे तबाह हो गए। सिर्फ़ यही नहीं बल्कि उसके सबसे महत्वपूर्ण सूबे पंजाब के भीतर तक स्ट्राइक की गई है। पाकिस्तानी सेना मुंह छिपाने के लिए बेबुनियाद दावे कर रही है पर हकीकत में उसके सुरक्षा तंत्र में अफरातफरी मची हुई है। पाकिस्तान में अब सबूत मांगे जा रहे हैं। भारत में कहां हमला किया, सबूत दो। पाक आर्मी के सारे दावे हवा हवाई हो चुके हैं।
उधर भारत ने पाकिस्तान में मची तबाही के ऐसे-ऐसे सबूत सामने रखे हैं कि खुद पाकिस्तानी आर्मी भी इंकार नहीं कर पा रही है। अब समझ जाइए देश में ये कुछ नामी नेता राफेल और एस-400 का विरोध क्यों कर रहे थे। रूस द्वारा मिले एस-400 ने भी संकट में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। और अब रूस ने एस-500 की उत्पादन प्रणाली में भारत को पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी दे दिया है। ये हमारे शक्तिशाली 56 इंच वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व का ही कमाल है। मित्रों मेरी नज़र में युद्ध के बाद की विभीषिका से संवेदनशील भारत द्रवित हो उठा, तभी तो हमारे प्रधानमंत्री ने युद्ध विराम के लिए अपनी सहमति देते हुए अपनी दूरदर्शिता का नायाब परिचय अब दुनिया को दे दिया है।
आप सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कभी भी कमजोर समझने की भूल मत कर देना। 75 की उम्र में भी 18 घन्टे देश की सेवा करने वाले श्री मोदी की काबिलियत पर हमेशा भरोसा रखना। मोदी जी ने सेनाओं से कहा है कि पाकिस्तान की तरफ से अगर एक गोली भी आए तो गोला चलाना। भारत शब्द भाव, रस, ताल जैसे शब्दों से मिलकर बना है। भारत का स्वभाव है दुनिया को प्रेम भाव और भाईचारे की भावना से हमेशा सराबोर रखना। अपनी इसी प्रेम-धर्म की भावना को ध्यान में रखते हुए भारत ने युद्ध विराम को स्वीकार कर लिया है लेकिन महान कूटनीतिज्ञ चाणक्य के जैसे को तैसा के सिद्धांत पर अडिग रहते हुए दुश्मन देशों को यानी आतंकवाद पर करारे प्रहार करने के लिए हमेशा तैयार रहने की चेतावनी भी दे दी है। मेरा मानना है कि अमेरिका अब सोच रहा होगा कि भारत- पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करके उसने अपनी चौधराहट बरकरार रखी है। अभी गुजरे 30 अप्रैल 2025 यानी आज से केवल 15 दिन पहले ही अमेरिका ने यमन के विद्रोहियों पर बम बरसाए थे। इस अमेरिकी बमबारी में 12 हूतियों की मौत हुई थी। लेकिन आज अमेरिका भारत-पाकिस्तान तनाव पर टिप्पणी कर रहा है। जब अमेरिकी हितों की बात आती तब तो अमेरिका कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटता।
भारतीय सेना दहशतगर्दों के पनाहगाह पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना चाह रही है साथ ही पड़ोसी देशों के अलावा पूरी दुनिया को भी संदेश दे रही है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर पहुंच कर सेना के जांबाज जवानों से मुलाकात की। वायुसेना के जवानों के साथ प्रधानमंत्री ने करीब एक घंटा बिताया। आदमपुर एयर बेस वायुसेना के मिग 29 लड़ाकू विमानों का बेस है। देश में 58 से 60 साल के वरिष्ठ नागरिक रिटायरमेंट के बाद आराम कर रहे होते हैं लेकिन 75 साल के हमारे कर्मठ और कोटि-कोटि पुरुषत्व से भरे चक्रवती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अभी भी मां भारती की सेवा में सतत सक्रिय हैं। हम सभी देशवासी ऐसे मां भारती के सपूत अपने कर्मठ प्रधानमंत्री के आगे पूर्ण समर्पण के साथ विनम्र भाव प्रणाम प्रेक्षित करते हैं।