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आसमान में और अधिक मजबूत हुई भारतीय वायुसेना, ‘अस्त्र’ मिसाइल का सफलतापूर्वक हुआ परीक्षण

09:36 PM Jul 11, 2025 IST | Amit Kumar
आसमान में और अधिक मजबूत हुई भारतीय वायुसेना  ‘अस्त्र’ मिसाइल का सफलतापूर्वक हुआ परीक्षण
‘अस्त्र’ मिसाइल का सफलतापूर्वक हुआ परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को स्वदेशी 'अस्त्र' बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा तट के पास भारतीय लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 से किया गया. मिसाइल ने अपनी सटीकता और प्रभावशीलता को साबित करते हुए दोनों बार अपने लक्ष्य को सटीकता से नष्ट किया.

‘अस्त्र’ मिसाइल स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर से लैस है, जिसे डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है. परीक्षण के दौरान, इस मिसाइल ने उच्च गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्यों को विभिन्न रेंज, दिशा और लॉन्च प्लेटफॉर्म्स की स्थितियों में सटीकता से नष्ट किया. यह सफलता मिसाइल सिस्टम की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को दर्शाती है. डीआरडीओ द्वारा विकासित स्वदेशी RF सीकर ने मिसाइल के मार्गदर्शन और नेविगेशन को और भी सटीक और प्रभावी बनाया.

टैकनोलजी और सिस्टम की सफलता

मंत्रालय के अनुसार, इस परीक्षण में शामिल सभी सबसिस्टम्स ने अपने प्रदर्शन की उम्मीदों के अनुरूप कार्य किया. विशेष रूप से, RF सीकर ने अपनी भूमिका निभाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. इस सफलता ने 'अस्त्र' मिसाइल के तकनीकी विकास में एक महत्वपूर्ण कदम और आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा मील का पत्थर साबित किया है. इसके साथ ही, 'अस्त्र' मिसाइल की सटीकता और शक्ति को प्रमाणित करने के लिए इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से प्राप्त उड़ान डेटा को भी महत्वपूर्ण माना गया.

मारक क्षमता और विकास में सहयोग

'अस्त्र' मिसाइल की मारक क्षमता 100 किलोमीटर से अधिक है और यह उन्नत गाइडेंस एवं नेविगेशन प्रणाली से लैस है. यह मिसाइल भारतीय वायुसेना के विभिन्न फाइटर जेट्स द्वारा इस्तेमाल की जा सकती है. इस परियोजना में डीआरडीओ के विभिन्न प्रयोगशालाओं के अलावा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और 50 से अधिक सार्वजनिक और निजी उद्योगों का सहयोग रहा है. इसके विकास में देशभर के विशेषज्ञों और इंजीनियरों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है.

रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता के लिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और सभी औद्योगिक साझेदारों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि स्वदेशी सीकर के साथ मिसाइल का सफल परीक्षण भारतीय रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है. वहीं डीआरडीओ के प्रमुख, डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस सफलता पर सभी टीमों को बधाई दी. उन्होंने इस परीक्षण को डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना के बीच मजबूत साझेदारी का परिणाम माना.

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