भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम पर 'हार्पी ड्रोन' से हमला
पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम पर भारतीय ड्रोन का वार
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस को कमजोर करने के लिए ‘हार्पी ड्रोन’ का उपयोग किया, जो रडार सिस्टम को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ड्रोन SEAD मिशन के लिए उपयुक्त है और उच्च विस्फोटक वारहेड के साथ एंटी-रेडिएशन सीकर से सुसज्जित है।
भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाने के लिए ‘हार्पी ड्रोन’ का इस्तेमाल किया। इन ड्रोन का उपयोग खासतौर पर रडार सिस्टम को नष्ट करने और दुश्मन के एयर डिफेंस को कमजोर करने के लिए किया गया। ‘हार्पी’ को रडार सिस्टम पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह SEAD (Suppression of Enemy Air Defenses) मिशन के लिए उपयुक्त है। इसमें उच्च विस्फोटक वारहेड लगा होता है और यह एंटी-रेडिएशन (AR) सीकर से सुसज्जित होता है, जिससे यह स्वतः ही सक्रिय उच्च-मूल्य लक्ष्य का पता लगाकर उन्हें निशाना बना सकता है। हार्पी दिन-रात, सभी मौसमों में, GNSS-डिनाइड या विरोधी युद्धक्षेत्रों में 9 घंटे तक गहराई में मिशन कर सकता है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की जवाबी कोशिश
भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किए जाने के बाद, पाकिस्तान ने 7 मई की रात को भारत के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों ने उत्तरी और पश्चिमी भारत के अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, उत्तारियाल और भुज जैसे क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिन्हें भारत की एकीकृत काउंटर-UAS ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम ने निष्क्रिय कर दिया। इन हमलों का मलबा अब विभिन्न स्थानों से बरामद किया जा रहा है, जो पाकिस्तानी हमले को प्रमाणित करता है।
भारतीय सैन्य ड्रोन कार्रवाई में लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम निष्क्रिय
भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाने के लिए ‘हार्पी ड्रोन’ का इस्तेमाल किया। इन ड्रोन का उपयोग खासतौर पर रडार सिस्टम को नष्ट करने और दुश्मन के एयर डिफेंस को कमजोर करने के लिए किया गया।