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140 करोड़ भारतवासियों के गौरव का प्रतीक है भारतीय सेना : योगी आदित्यनाथ

12:08 AM Feb 10, 2024 IST | Sagar Kapoor
140 करोड़ भारतवासियों के गौरव का प्रतीक है भारतीय सेना   योगी आदित्यनाथ

उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सेना 140 करोड़ भारतवासियों के गौरव का प्रतीक है और सेना के शौर्य व पराक्रम पर कोई भी भारतीय संदेह नहीं करता।

किरांति शौर्य समारोह’ को संबोधित करते - योगी
मुख्‍यमंत्री ने 11 गोरखा राइफल रेजीमेंटल सेंटर में आयोजित ‘किरांति शौर्य समारोह’ को संबोधित करते हुए ये बात कही। योगी ने इस मौके पर सैनिकों के हैरतअंगेज करतब भी देखे। बच्चों ने कराटे व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ भारतीय सेना का स्वर्णिम इतिहास रहा है। देशवासी इसके शौर्य व पराक्रम को न केवल जानते हैं, बल्कि अटूट विश्वास भी करते हैं।’’
उन्‍होंने कहा , ‘‘हमारे सैनिकों ने युद्ध काल व शांतिकाल में देश की रक्षा व सेवा का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। जीवन की परवाह किए बिना भारतीय जवानों ने कठिन से कठिन परिस्थितियों में दुर्गम स्थानों पर रहकर भारत की एकता-अखंडता व संप्रभुता की सदैव रक्षा की है। भारत की आजादी के बाद गठित पहली रेजीमेंट का गौरव गोरखा राइफल को प्राप्त है।’’ उन्‍होंने कहा कि अनुशासन, देशभक्ति और युद्ध कौशल गोरखा रेजीमेंट की पहचान है।

मुख्‍यमंत्री ने रेजीमेंटल सेंटर के सफलतापूर्वक 75 वर्ष पूर्ण होने पर दी बधाई 
गोरखा की शौर्यगाथा का उल्लेख सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की अनेक सेनाओं ने किया है। गोरखा अपनी बहादुरी का परिचय शब्दों से नहीं, बल्कि सीमा पर तैनाती के दौरान अपनी वीरतापूर्ण कार्रवाई से देते हैं। बयान में कहा गया कि आतंकियों से निपटने में सक्षम भारतीय सेना की शौर्य गाथा को देख दर्शकों ने तालियों से सैनिकों का उत्साहवर्धन किया। भारतीय सेना के अदम्य साहस के गौरवशाली क्षण को देख योगी भी अभिभूत हो गए। मुख्‍यमंत्री ने वीर नारियों को सम्मानित भी किया और रेजीमेंटल सेंटर के सफलतापूर्वक 75 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी। मुख्‍यमंत्री ने कहा,‘‘ वीर व पराक्रमी जवानों की 11वीं गोरखा रेजीमेंट लखनऊ में है। अपनी स्थापना के बाद कई युद्ध लड़े हैं, वर्ष 1983 में लखनऊ में आने के बाद इस रेजीमेंट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यहां के वीर जवानों ने शौर्य व पराक्रम से इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया है, इस रेजीमेंट ने देश को कैप्टन मनोज पांडेय जैसे शूरवीर दिए हैं।’’

 

 

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