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भारतीय सेना ने लद्दाख में स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया

06:13 AM Jul 17, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat
भारतीय सेना ने लद्दाख में स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया

भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को बेहतर करने के मिशन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। बुधवार को भारतीय सेना ने लद्दाख सेक्टर में करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर ‘आकाश प्राइम’ एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया है। यह एयर डिफेंस सिस्टम भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है। ‘आकाश प्राइम’ एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण थल सेना की एयर डिफेंस विंग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। डीआरडीओ ने ही यह एयर डिफेंस सिस्टम विकसित किया है।

एयर डिफेंस सिस्टम का परीक्षण करते समय सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों ने तेज गति से उड़ रहे दो लक्ष्यों पर सटीक वार किए। यह परीक्षण अत्यधिक ऊंचाई और विरल वायुमंडल वाले क्षेत्र में किया गया, जहां सामान्य संचालन भी कठिन होता है। 'आकाश प्राइम सिस्टम' भारतीय सेना की तीसरी और चौथी ‘आकाश रेजिमेंट’ में शामिल किया जाएगा। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत की आकाश एयर डिफेंस प्रणाली ने पाकिस्तानी सेना के चीनी लड़ाकू विमानों और तुर्की ड्रोन से किए गए हवाई हमलों को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई थी।

विशेषज्ञों के मुताबिक, यह सफलता भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं और हवाई सुरक्षा व्यवस्था को अधिक सशक्त बनाएगी। भारत अपने एयर डिफेंस सिस्टम को लगातार मजबूत कर रहा है। इसी महीने रक्षा मंत्रालय ने एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार की खरीद की मंजूरी दी है। यह एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार हवाई लक्ष्य का पता लगाएगा और उसे ट्रैक करेगा तथा फायरिंग समाधान प्रदान करेगा। भारतीय सेनाओं को आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने जुलाई महीने की शुरुआत में ही एक बड़ी पहल कर दी है।

इस पहल के तहत 1.05 लाख करोड़ की स्वदेशी खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह मंजूरी मिलने से भारतीय सेनाओं का एयर डिफेंस सिस्टम मजबूत होगा। सेना को मिसाइलों व इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम की आपूर्ति की जा सकेगी। इस मंजूरी के तहत तीनों सेनाओं, थल सेना, नौसेना और वायुसेना, को आवश्यक उपकरण और हथियार मुहैया कराए जाएंगे। तीनों सेनाओं के लिए खरीदे जाने वाले उपकरण स्वदेशी होंगे। इन्हें भारत में ही बनाया जाएगा और भारतीय कंपनियों से ही खरीदा जाएगा।

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Rahul Kumar Rawat

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