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भारतीय सेना को जल्द मिलेगी AK-203 राइफल्स, UP के कोरवा में हर महीने बनेगी 12,000 राइफल

10:29 PM Jul 17, 2025 IST | Priya
भारतीय सेना को जल्द मिलेगी ak 203 राइफल्स  up के कोरवा में हर महीने बनेगी 12 000 राइफल

नैशनल डैस्क : इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) ने उत्तर प्रदेश के कोरवा स्थित अपने संयंत्र में निर्मित अत्याधुनिक एके-203 असॉल्ट राइफलों की आपूर्ति निर्धारित समय से करीब 22 महीने पहले पूरी करने की योजना बनाई है। गुरुवार को कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी दी। आईआरआरपीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक मेजर जनरल एस. के. शर्मा ने बताया कि कुल 6,01,427 राइफलें दिसंबर 2030 तक भारतीय सशस्त्र बलों को सौंप दी जाएंगी, जबकि अनुबंध के अनुसार यह समयसीमा अक्टूबर 2032 निर्धारित थी।

अब तक 48,000 राइफल की हो चुकी आपूर्ति
मेजर जनरल शर्मा ने बताया कि अब तक लगभग 48,000 एके-203 राइफलों की आपूर्ति की जा चुकी है। अगले दो से तीन हफ्तों में 7,000 और राइफलें सेना को सौंपी जाएंगी, जबकि दिसंबर 2025 तक 15,000 अतिरिक्त राइफलें और उपलब्ध करा दी जाएंगी। शर्मा के अनुसार, अमेठी जिले के कोरवा स्थित संयंत्र में वर्ष 2026 से हर महीने 12,000 राइफल का उत्पादन किया जाएगा। इस वृद्धि के चलते कंपनी पूरे ऑर्डर को समय से पहले पूरा कर पाने में सक्षम होगी। एके-203 असॉल्ट राइफल, रूस की कलाश्निकोव शृंखला की उन्नत राइफल है, जिसे भारतीय सेना की एलओसी और एलएसी जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनाती के लिए प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।

भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी का परिणाम
आईआरआरपीएल की स्थापना भारत और रूस के बीच एक अंतर-सरकारी समझौते के तहत की गई थी। इस संयुक्त उद्यम में 50.5% हिस्सेदारी भारत की और 49.5% रूस की है। कंपनी का संचालन 8.5 एकड़ क्षेत्र में किया जा रहा है, जहां वर्तमान में 260 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें स्थायी रूसी विशेषज्ञ भी शामिल हैं। इस संख्या को बढ़ाकर 537 किया जाएगा, जिनमें 90% स्थानीय कर्मी होंगे।

दिसंबर तक पूरी तरह स्वदेशी राइफल
शर्मा ने बताया कि कंपनी ने 50% स्वदेशीकरण प्राप्त कर लिया है और दिसंबर 2025 तक पहली पूर्ण रूप से स्वदेशी एके-203 राइफल सेना को सौंपने की योजना है। इसके बाद वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.5 लाख राइफल तक बढ़ाई जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूस से 100 प्रतिशत तकनीकी हस्तांतरण हो चुका है और अब सभी गुणवत्ता परीक्षण भारत में ही किए जा रहे हैं।

निर्यात की दिशा में भी कदम
आईआरआरपीएल भविष्य में मित्र देशों को भी एके-203 राइफलें निर्यात करने की योजना बना रही है। शर्मा के अनुसार, पहला निर्यात ऑर्डर जल्द मिलने की संभावना है। कंपनी की स्थापना वर्ष 2019 में रूसी साझेदार रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और कंसर्न कलाश्निकोव तथा भारतीय साझेदार एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) और म्युनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL) के संयुक्त सहयोग से की गई थी।

 

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