Israel-Iran से निकाले गए भारतीय नागरिक, भारत सरकार का जताया आभार
ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत ने संघर्ष प्रभावित Iran से अपने 2,500 से अधिक नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला है। निकाले गए लोगों ने सरकार के प्रयासों की सराहना की है और अपनी सुरक्षित घर वापसी के लिए आभार व्यक्त किया है। भारतीय नागरिक सैयदा जेनिफर रिजवी ने संघर्ष प्रभावित ईरान की स्थिति को भयानक बताया और कहा कि भारतीय दूतावास ने उनकी मदद नहीं की होती तो उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता था।
भारतीय दूतावास का जताया आभार
भारतीय नागरिक रिजवी ने कहा कि Iran में हालात बहुत खराब थे। अगर भारतीय दूतावास हमें होटलों में न ले जाता तो हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता। एक-एक पल गुजारना मुश्किल था। मेरे साथ मेरा बच्चा भी था। हमें यहां लाने के लिए दूतावास के लोगों और मोदी सरकार का शुक्रिया। ईरान से निकाले गए एक अन्य भारतीय नागरिक कासिम ने कहा कि मैं घर आकर बहुत खुश हूं।
विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा का बयान
लद्दाख से आए सैयद महबूब ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैं लद्दाख से हूं। मैं Iran के क़ोम में रहता था। भारतीय दूतावास की मदद से मैं दिल्ली पहुंचा हूं। इससे पहले संघर्ष प्रभावित ईरान में फंसे 281 भारतीय नागरिकों, तीन श्रीलंकाई और दो नेपाली नागरिकों को लेकर एक और विशेष उड़ान सुरक्षित रूप से नई दिल्ली में उतरी। पत्रकारों से बात करते हुए विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने कहा कि भारत सरकार जरूरतमंद लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को भी मदद दी है।
इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष
बता दें कि इजरायल और Iran के बीच संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ था। इस दौरान इजरायल ने ईरानी सैन्य और परमाणु स्थलों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया था। इस मिशन का नाम ऑपरेशन राइजिंग लॉयन रखा था। जवाबी कार्रवाई में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्म्स (IRGC) ने 'ऑपरेशन टू प्रॉमिस 3' मिशन के तहत बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया था। इस हमले में इजराइली लड़ाकू जेट ईंधन उत्पादन सुविधाओं और ऊर्जा आपूर्ति केंद्रों को निशाना बनाया गया।
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