टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

भारतीय कंपनी ने राफेल की प्रतिकृतियों की आपूर्ति को लेकर आरोपों को खारिज किया

भारत की एक कंपनी ने मंगलवार को कहा कि उसने राफेल लड़ाकू विमान की 50 प्रतिकृतियों की आपूर्ति इसके निर्माता दसॉल्ट एविएशन को की थी। इससे एक दिन पहले फ्रांस की मीडिया में विमान सौदे की एक खबर आने पर नये सिरे से विवाद पैदा हो गया था।

12:52 AM Apr 07, 2021 IST | Shera Rajput

भारत की एक कंपनी ने मंगलवार को कहा कि उसने राफेल लड़ाकू विमान की 50 प्रतिकृतियों की आपूर्ति इसके निर्माता दसॉल्ट एविएशन को की थी। इससे एक दिन पहले फ्रांस की मीडिया में विमान सौदे की एक खबर आने पर नये सिरे से विवाद पैदा हो गया था।

भारत की एक कंपनी ने मंगलवार को कहा कि उसने राफेल लड़ाकू विमान की 50 प्रतिकृतियों की आपूर्ति इसके निर्माता दसॉल्ट एविएशन को की थी। इससे एक दिन पहले फ्रांस की मीडिया में विमान सौदे की एक खबर आने पर नये सिरे से विवाद पैदा हो गया था। 
फ्रांसीसी प्रकाशन ‘मीडियापार्ट’ ने देश की भ्रष्टाचार-रोधी एजेंसी की एक जांच का हवाला देते हुए बताया कि दसॉल्ट एविएशन ने विमान के 50 मॉडलों के लिए ‘डिफसिस सॉल्यूशंस’ को लगभग 10 लाख यूरो का भुगतान किया था, जिन्हें ‘‘उपहार’’ के रूप में दिया जाना था। 
मीडिया की खबर में कहा गया है कि एजेंसी फ्रांसेसे एंटिकॉरप्शन (एएफए) के निरीक्षकों को इस बात का कोई सबूत नहीं दिया गया कि ये मॉडल बनाए गए थे। 
डिफसिस सॉल्यूशंस ने मंगलवार को एक बयान और ‘टैक्स इनवॉइस’ जारी करते हुए कहा कि आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। 
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह दावा पूरी तरह से निराधार, बेबुनियाद और भ्रामक है जो मीडिया के कुछ हिस्से में किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि डिफसिस ने कभी भी राफेल विमानों की 50 प्रतिकृति मॉडल की आपूर्ति नहीं की।’’ 
कंपनी ने कहा कि रक्षा कंपनी से प्राप्त खरीद आर्डर के आधार पर राफेल विमानों की 50 प्रतिकृति मॉडल दसॉल्ट एविएशन को पहुंचाए गए थे। 
कंपनी ने कहा, ‘‘ऐसी आपूर्ति से संबंधित डिलीवरी चालान, ई-वे बिल और जीएसटी रिटर्न संबंधित अधिकारियों के साथ विधिवत दाखिल किए गए हैं।’’ 
मीडियापार्ट ने अपनी खबर में कहा, ‘‘दसॉल्ट समूह एएफए को यह दिखाने के लिए कि एक भी दस्तावेज मुहैया नहीं करा पाया कि ये मॉडल मौजूद थे और इनकी अपूर्ति की गई थी, एक तस्वीर भी नहीं। निरीक्षकों को संदेह है कि यह एक फर्जी खरीद थी जिसे गुप्त वित्तीय लेनदेन को छुपाने के लिए तैयार किया गया था।’’ 
केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार ने फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए 23 सितंबर, 2016 को 59,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। 
लोकसभा चुनाव,2019 से पहले कांग्रेस ने विमान की दरों और कथित भ्रष्टाचार सहित इस सौदे को लेकर कई सवाल खड़े किये थे, लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। 
Advertisement
Advertisement
Next Article