Indian Creator Industry 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर: रिपोर्ट
छोटे शहरों में भी क्रिएटर इकोसिस्टम की बढ़ती पहुंच
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की एक नई रिपोर्ट “कंटेंट से कॉमर्स तक: भारत की क्रिएटर अर्थव्यवस्था का मानचित्रण” के अनुसार भारत का तेजी से बढ़ता क्रिएटर परिदृश्य 2030 तक सालाना 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की वृद्धि करने के लिए तैयार है, जो वर्तमान में हर साल उपभोक्ता खर्च में अनुमानित 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर को प्रभावित करता है। बीसीजी की रिपोर्ट का आधिकारिक तौर पर 3 मई, 2025 को मुंबई में चल रहे वेव्स 2025 मेगा-इवेंट में अनावरण किया जाएगा। भारत में 2 से 2.5 मिलियन सक्रिय डिजिटल क्रिएटर्स का पर्याप्त आधार है, जिन्हें 1,000 से अधिक फॉलोअर्स वाले व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि इस प्रभावशाली पैमाने के बावजूद, रिपोर्ट बताती है कि इन क्रिएटर्स का केवल एक छोटा सा हिस्सा, 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के बीच, वर्तमान में अपने कंटेंट से प्रभावी रूप से कमाई कर रहा है। क्रिएटर इकोसिस्टम द्वारा उत्पन्न प्रत्यक्ष राजस्व 20-25 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है और दशक के अंत तक इसके 100-125 बिलियन अमरीकी डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।
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आगामी बीसीजी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण रुझान और प्रमुख अंतर्दृष्टि का भी खुलासा हुआ है, जैसे कि तथ्य यह है कि क्रिएटर पहले से ही 30 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ता निर्णयों को आकार दे रहे हैं, जो वर्तमान खर्च में 350-400 बिलियन अमरीकी डॉलर के बराबर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिएटर इकोसिस्टम अब जेन जेड और प्रमुख महानगरीय क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों में विविध आयु समूहों और उपभोक्ताओं को तेजी से जोड़ रहा है।
शॉर्ट-फॉर्म वीडियो सबसे लोकप्रिय कंटेंट फॉर्मेट बना हुआ है साथ ही, भारत की क्रिएटर अर्थव्यवस्था में राजस्व में विविधता देखी जा रही है, जिससे आने वाले वर्षों में 1.5 से 3 गुना वृद्धि होगी, जो डिजिटल क्रिएटर इकोसिस्टम द्वारा संचालित मार्केटिंग और वाणिज्य रणनीतियों में एक मौलिक बदलाव का संकेत है।