ब्रिटेन में Indian High Commission ने प्रवासी भारतीय समुदाय को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दी जानकारी
ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी इन दिनों प्रवासी भारतीय समुदाय…
ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी इन दिनों प्रवासी भारतीय समुदाय और वहां के सांसदों के साथ मिलकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलताओं के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं।
प्रवासी भारतीयों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी देने की पहल
इसी कड़ी में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस सप्ताह एक परिसंवाद सामुदायिक सहभागिता सत्र आयोजित किया, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किए जाने की जानकारी दी गई।
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत
बुधवार को लंदन में भारत सर्वदलीय संसदीय समूह (एपीपीजी) के साथ बैठक में दोरईस्वामी ने भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हाल में पूरी हुई बातचीत और उससे जुड़ी संभावनाओं पर भी चर्चा की।
भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और कार्रवाई की जानकारी
भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा कि उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने 14 मई को भारत एपीपीजी को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हासिल की गई सफलताओं के बारे में जानकारी दी।
भारत की आतंकवाद के खिलाफ नई रणनीति
उन्होंने समूह को भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में आतंकवादी ठिकानों को दृढ़, जिम्मेदार, नपे-तुले और बहुत प्रभावी ढंग से नष्ट किए जाने तथा आतंकवाद और इसे समर्थन देने एवं वित्तपोषित करने वालों से देश की सुरक्षा की अपनी अटूट प्रतिबद्धता पर अमल करने के लिए कायम नये रुख के बारे में भी बताया।”
राष्ट्रीय एकता भारत की सबसे बड़ी ताकत
दोरईस्वामी ने इस दौरान राष्ट्रीय एकता के महत्व पर भी जोर दिया और इसे भारत की सबसे बड़ी ताकत बताया, जो हमारे सशस्त्र बलों के साहस और पेशेवर रवैये में साफ झलकती है।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि और परिणाम
उल्लेखनीय है कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।
भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव और विराम
इसके बाद पाकिस्तान ने 8 से 10 मई के बीच भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया। अंततः 10 मई को दोनों देशों ने सैन्य कार्रवाई को पूरी तरह से रोकने पर सहमति जताई।