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Indian Navy को मिली बड़ी ताकत, INS Tamal नौसेना में हुआ शामिल, जानें इसकी खासियत

01:45 AM Jul 02, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

भारत का नवीनतम युद्धपोत 'आईएनएस तमाल' मंगलवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। भारतीय नौसेना ने रूस के यंतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद में आयोजित एक भव्य समारोह में नवीनतम स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस तमाल को औपचारिक रूप से नौसेना में कमीशन किया। यह अत्याधुनिक युद्धपोत न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल, केमिकल रक्षा प्रणाली से लैस है। इसमें हेलिकॉप्टर संचालन की बेहतरीन क्षमता है। इसके अलावा इस युद्धपोत को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल व वर्टिकल लॉन्च सतह से वायु में मार करने वाली मिसाइल से सुसज्जित किया गया है।

युद्धपोत 100 मिमी मुख्य तोप, हैवी टॉरपीडो और रॉकेट्स क्षमता युक्त है। तकनीकी विशेषताओं की बात करें तो इसमें उन्नत संचार और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमताएं हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। यहां जहाज के कमांडिंग ऑफिसर और रूसी नौसेना विभाग के महानिदेशक ने डिलीवरी अधिनियम पर हस्ताक्षर किए। रूसी नौसेना का ध्वज उतार कर, भारतीय नौसेना का ध्वज फहराया गया और ‘कमीशनिंग वारंट’ पढ़ा गया। ‘कलर गार्ड’ की सलामी और राष्ट्रगान के साथ जहाज आधिकारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल हो गया।

वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह ने कहा कि आईएनएस तमाल हमारी नौसेना की मारक क्षमता, पहुंच और प्रतिक्रिया को अधिक सशक्त बनाता है। यह युद्धपोत ‘तलवार’, ‘तेग’ और ‘तूशील’ वर्ग की गौरवशाली श्रृंखला में एक नया आयाम जोड़ता है। उन्होंने रूसी नौसेना, बॉल्टिक फ्लीट, रूसी रक्षा मंत्रालय, यंतर शिपयार्ड और सभी भारतीय-रूसी ओईएम्स को उनके योगदान के लिए सराहा। समारोह में वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन (नियंत्रक युद्धपोत निर्माण एवं अधिग्रहण), रूसी नौसेना की बॉल्टिक फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल सर्गेई लिपिन सहित भारत एवं रूस की नौसेनाओं, सरकारों तथा शिपबिल्डिंग उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

वाइस एडमिरल स्वामीनाथन ने कहा कि तमाल का कमीशनिंग भारत-रूस सामरिक साझेदारी का प्रतीक है। पिछले 65 वर्षों में भारत-रूस साझेदारी में यह 51वां युद्धपोत है। इसमें 26 प्रतिशत स्वदेशी प्रणाली, जैसे ब्रह्मोस मिसाइल व हुमसा-एनजी सोनार शामिल हैं। जहाज में लगभग 250 नाविक और 26 अधिकारी हैं। इसका ध्येय वाक्य है- “सर्वत्र सर्वदा विजय।” आईएनएस तमाल अब जल्द ही अपने गृह बंदरगाह कारवार (कर्नाटक) के लिए रवाना होगा और रास्ते में कई बंदरगाहों पर जाकर अपनी युद्ध क्षमता का प्रदर्शन करेगा। आईएनएस तमाल न केवल भारत-रूस रक्षा सहयोग की मिसाल है, बल्कि यह भारतीय नौसेना के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण को भी मजबूती से दर्शाता है। यह आधुनिकतम युद्धपोत आने वाले समय में हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति और सामरिक उपस्थिति को और प्रबल बनाएगा।

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