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हिंद महासागर एक वैश्विक जीवन रेखा, क्षेत्र के विकास के लिए साथ आना जरूरी : एस जयशंकर

हिंद महासागर में विकास हेतु सहयोग की आवश्यकता: एस जयशंकर

04:17 AM Feb 16, 2025 IST | Rahul Kumar

हिंद महासागर में विकास हेतु सहयोग की आवश्यकता: एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को मस्कट में ‘8वें हिंद महासागर सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए हिंद महासागर को ‘वैश्विक जीवन रेखा’ बताया। उन्होंने कहा कि इसका उत्पादन, उपभोग, योगदान और कनेक्टिविटी आज दुनिया को चलाने के तरीके का केंद्र है। विदेश मंत्री ने कहा, “नए क्षितिज की ओर हमारी यात्रा हिंद महासागर के समन्वित बेड़े के रूप में सबसे अच्छी तरह से की जा सकती है। हम इतिहास, भूगोल, विकास, राजनीति या संस्कृति के संदर्भ में एक विविध समूह हैं। लेकिन जो चीज हमें एकजुट करती है, वह है हिंद महासागर क्षेत्र की भलाई के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता।”

जयशंकर ने कहा, “अस्थिर और अनिश्चित युग में, हम आधार रेखा के रूप में स्थिरता और सुरक्षा चाहते हैं। लेकिन उससे परे, महत्वाकांक्षाएं और आकांक्षाएं हैं जिन्हें हम प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। जब हम एक-दूसरे का ध्यान रखेंगे, अपनी ताकत को बढ़ाएंगे और अपनी नीतियों का समन्वय करेंगे तो उन्हें प्राप्त करना आसान होगा। मैं आप सभी को आश्वस्त कर सकता हूं कि भारत इन प्रयासों में सबसे आगे रहेगा।” इससे पहले जयशंकर ने ओमान के विदेश मंत्री बद्र बिन हमद अल बुसैदी मुलाकत की।

विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “आज सुबह ओमान के विदेश मंत्री बदर बिन हमद अल बुसैदी से मिलकर बहुत खुशी हुई। 8वें हिंद महासागर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी करने में उनके व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना करता हूं। व्यापार, निवेश और ऊर्जा सुरक्षा में हमारे सहयोग पर व्यापक चर्चा हुई।” विदेश मंत्री ने लिखा, “हमें खुशी है कि हम अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए संयुक्त रूप से लोगो जारी कर पाए। साथ ही, संयुक्त रूप से एक पुस्तक ‘मांडवी टू मस्कट: इंडियन कम्युनिटी एंड द शेयर्ड हिस्ट्री ऑफ इंडिया एंड ओमान’ का विमोचन भी किया।”

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